बीते सप्ताह बाजार में भारी गिरावट के कारण निफ्टी इस साल के सबसे कम स्तर यानी 4,370 पर पहुंचा। इसके बाद थोड़ी सी रिकवरी के जरिए वह 4,517 के स्तर तक चढ़ा।
बीते सप्ताह की तुलना में निफ्टी 2.39 फीसदी और सेंसेक्स 2.46 फीसदी (15,189 पर बंद) नीचे आया। साथ ही रुपये के कमजोर बने रहने से डिफ्टी 2.77 फीसदी गिरा।
बीता सप्ताह एक और मंदी भरा सप्ताह था। इसमें बाजार 2008 में अब तक के अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंचा। शुक्रवार को छोड़ बाकी सभी दिन कारोबार सामान्य रहा। निफ्टी जूनियर 3.18 फीसदी नीचे गया और मिडकैप-50 1.57 फीसदी गिरा। बाजार में एफआईआई ने जोरदार बिकवाली की, वहीं घरेलू संस्थाएं सांकेतिक खरीदार बनी रहीं।
नजरिया: इस महीने वायदा सेटलमेंट में सिर्फ 9 सत्र बचे हैं। ऐसे में उम्मीद है कि बाजार 4,400 से 4,800 के दायरे में घूमता रह सकता है। बाजार किसी भी दिशा में जा सकता है। हालांकि इसके 4,800 से ऊपर जाने की संभावना कम ही है, लेकिन अगर इसने 4,400 का निचला लेवल तोड़ा तो यह 4,200 तक भी गिर सकता है।
दलील: 4,400 के सपोर्ट लेवल की कई सत्रों में परीक्षा हुई, लेकिन अंतत: यह टिकाऊ साबित हुआ। इसे 4,750 से 4,800 के ऊपर रेजिस्टेंस मिलने की उम्मीद है। यह स्तर तभी टूट सकता है, जब कारोबार का मौजूदा स्तर काफी बढ़े पर कारोबार में इजाफे की संभावना है नहीं। निचले लेवल पर बाजार का टूटना बेहद खतरनाक साबित होगा क्योंकि 4,400 के नीचे कोई भी सपोर्ट लेवल दिखाई नहीं देता। इस स्थिति में 4,200 एक टारगेट हो सकता है।
दूसरा नजरिया: यह देखते हुए कि इंडेक्स फ्यूचर स्पॉट वैल्यू से सब्सटेंशियल डिस्काउंट पर कारोबार कर रहे हैं, वीआईएक्स ऊपर हैं और सेक्टर में मजबूत नकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। ऐसे में इसके यहां से ऊपर जाने की संभावना कम है। हालांकि शॉर्ट कवरिंग में बड़े भारी सुधार तभी आ सकते हैं जब किसी कारोबारी दिवस में निफ्टी 100 अंक उछल जाए। यह उछाल एफआईआई पर काफी निर्भर करता जो जून में अब तक 6,000 करोड़ रुपए की बिकवाली कर चुके हैं।
तेजड़िए और मंदड़िए
कारोबारी सप्ताह में ऊंची मुद्रास्फीति की दर और रेपो रेट में इजाफे के साथ रैनबेक्सी-दाइची सौदे व आरकाम-एमटीएन की संभावित डील चर्चा में रही। सेक्टरों की बात करें तो रियल एस्टेट के शेयरों का सबसे बुरा हाल रहा।
रेपो दर में इजाफे के बाद शुरुआत में नीचे गए बैंकिंग के शेयर बाद में एक जगह टिक गए। इस क्षेत्र में रेपो रेट बढ़ने का क्या असर होगा, यह धीरे-धीरे ही पता चलेगा। हालांकि किसी भी सेक्टर ने वाकई अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। रुपये में गिरावट के बावजूद सीएनएक्स आईटी में कोई उछाल नहीं आया।
कुछ सकारात्मक हलचल उर्वरक क्षेत्र में दिखाई दी जहां नागार्जुना फर्टिलाइजर, चंबल फर्टिलाइजर और जीएनएफसी के शेयरों के भावों में ठीक-ठाक इजाफा हुआ, वहीं अरबिंदो फार्मा, एबन, भारत फोर्ज, डॉ. रेड्डीज और आईडीएफसी के शेयरों में भी सकारात्मक रुझान रहा। टेलीकॉम क्षेत्र में भी अच्छा रुख देखने को मिला और आरकॉम, भारती, आइडियो सेल्यूलर और स्पाइस के शेयरों ने भी अच्छा कारोबार किया।
अबन
वर्तमान मूल्य: 3,725 रुपये
लक्ष्य : 3,900
ठीक-ठाक कारोबार करते हुए इस शेयर ने तेजी का एक चक्र पूरा कर लिया लगता है। इसका बढ़िया टारगेट 3,900 से 3,950 रुपये के बीच है। इसमें 3675 का स्टाप लॉस लगाएं और लंबे समय के लिए रखें। जब 3900 से ऊपर जाए तो मुनाफा बुक करें।
बीएचईएल
वर्तमान मूल्य: 1,557 रुपये
लक्ष्य : 1,620 रुपये
इस शेयर ने 1,350 से 1,400 रुपये के बीच मजबूती बना ली है। इस शेयर के 1,600 रुपये तक जाने की काफी संभावना है पर उसके बाद इसे गंभीर प्रतिरोध का सामना करना पड़ सकता है। अगर इसमें कारोबार की मात्रा बढ़ी तो 1,650 रुपये के स्तर पर भी जा सकता है। 1,530 रुपये के स्तर पर स्टाप लॉस लगाएं और लंबी अवधि के लिए खरीदें।
चंबल फर्टिलाइजर्स
वर्तमान मूल्य: 91 रुपये
लक्ष्य : 98 रुपये
यह शेयर जोरदार कारोबार के कारण अहम रेजिस्टेंस पार करते हुए यहां तक पहुंचा है। इसका संभावित लक्ष्य 100 रुपये से ऊपर है, जबकि न्यूनतम लक्ष्य 98 रुपये है। 88 रुपये पर स्टाप लॉस लगाएं और फिर लंबी अवधि के लिए खरीदें। 98 रुपये पर थोड़ा मुनाफा वसूल लें।
रेनबैक्सी
वर्तमान मूल्य: 566.85 रुपये
लक्ष्य : 545 रुपये
आर्बिटरेजर्स दाइची के ऑफर मूल्य का समूचा हिसाब लगा रहे हैं। क्या अनुपात रहने की संभावना है और नई प्रिफेरेंशियल इक्विटी का ण्असर क्या रहेगा, इसकी गणना की जारही है। शॉर्ट टर्म में यह शेयर 545 के स्तर पर सेटल हो सकता है। 570 पर स्टाप लॉस लगाएं और लंबी अवधि के लिए खरीदें।
एसबीआई
वर्तमान मूल्य: 1,335 रुपये
लक्ष्य : 1,275 रुपये
रेपो रेट बढ़ने के बाद इस अहम बैंकिंग शेयर में तटस्थ रुझान हैं। इसके 1270 के स्तर पर सेटल होने की उम्मीद है। इसे 1,350 के स्तर पर तगड़ा रेजिस्टेंस मिलेगा। 1350 पर स्टाप लॉस लगाएं और कम अवधि के लिए खरीदें। 1290 से नीचे जाए तो कवर करें।
शेयर पर नजर
रेनबैक्सी लैब
फाइजर के रेनबैक्सी के सौदे में दिलचस्पी दिखाए जाने के बाद इस कंपनी के शेयरों पर सबकी निगाह है। विश्व की सबसे बड़ी दवा निर्माता कंपनी फाइजर रेनबैक्सी के 65 फीसदी संस्थागत और पब्लिक होल्डिंग के लिए बोली लगा सकती है। यह बोली जापान की दाइची सेंक्यो कंपनी की 4.6 अरब डॉलर की बोली का जवाब है।
फाइजर की निगाह रैनबेक्सी पर उसी समय से है जब इस भारतीय फर्म ने लिपिटोर के जैनरिक वर्जन को लेकर उसे यूरोप और अमेरिकी कोर्ट में घसीटा था। लिपिटोर फाइजर की सबसे अधिक लोकप्रिय कोलेस्ट्रॉल रोधी दवा है। रैनबेक्सी के शेयर पिछले काफी समय से कमजोर कारोबार कर रहे थे। बीते तीन सालों में सेंसेक्स 122 फीसदी बढ़ा तो बीएसई का हैल्थकेयर सूचकांक 64 फीसदी। इनकी तुलना में रैनबेक्सी का शेयर सिर्फ 6 फीसदी ही बढ़ा।
सप्ताह का शेयर
नैशनल फर्टिलाइजर
बीते सप्ताह फर्टिलाइजर पैक में नेशनल फर्टिलाइजर स्टार बनकर उभरा। यह कारोबारी सप्ताह में 25.26 फीसदी के इजाफे के साथ 66.20 रुपये पर बंद हुआ। इसका प्रमुख कारण फर्टिलाइजर सेक्टर के सभी क्षेत्रों से आई अच्छी खबरें रही। सबसे पहली खबर मौसम विभाग की इस साल अच्छे मानसून की घोषणा है। इससे बंपर फसल की संभावना प्रबल हुई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार सबको ढुलाई में दी जाने वाली सब्सिडी देने का निर्णय भी इस क्षेत्र के हित में रहा। इसके साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रीज ने संकेत दिए हैं कि वित्तीय वर्ष 2009 में उसके कृष्णा-गोदावरी बेसिन से गैस का उत्पादन प्रारंभ हो जाएगा। कंपनी यह गैस 25.20 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से बेचेगी।
यह कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों का 20 फीसदी ही है। नेशनल फर्टिलाइजर का शेयर 8 जनवरी 2008 को 112.55 रुपये के सबसे ऊंचे स्तर पर था, जबकि 24 मार्च 2008 को वह इस स्तर से 72 फीसदी गिरकर 31.6 रुपये के स्तर पर आ गया है।