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स्टेट बैंक करेगा तीन हजार और रिकवरी अफसरों की नियुक्तियां

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 1:01 PM IST

बैंकों के रिकवरी एजेंटों द्वारा कर्ज वसूलने के दौरान ज्यादती बरतने से नियामक एवं न्यायपालिकों के खफा होने के बीच देश के सबसे बड़े कर्ज देने वाले बैंक एसबीआई फिलहाल एक साल के अंदर ही अब कई और रिकवरी एजेंटों की नियुक्ति की सोच रहा है।


बैंक मार्केटिंग और वसूली पद के लिए और तीन हजार लोगों को नियुक्त करने की योजना बना रहा है। इनकी नियुक्ति वह गांवों में अपने काम को अंजाम देने के मद्देनजर अनुबंध के आधार पर कर रहा है। यह अनुबंध दो सालों का होगा और इसके लिए अर्जी 16 अगस्त तक  स्वीकार की जाएगी।

इससे पहले बैंक ने पिछले साल तीन हजार लोगों को बतौर मार्केटिंग एवं रिकवरी ऑफिसर्स के रुप में नियुक्ति की थी जिनका काम नरमी से कर्ज वसूलना था। इस काम के अलावा इन अधिकारियों का काम बैंक के उत्पादों की मार्केटिंग भी करना से लेकर पहले से नियोजित सर्वे करना और दस्तावेजों की जांच करना था।

इसमें 32 फीसदी अधिकारी स्तर के जबकि 43 फीसदी क्लरिकल ग्रेड के थे। हालांकि इस बारे में आरबीआई और अदालत के द्वारा कड़ा रुख अपनाने के कारण एक ओर जहां बहुत सारे बैंकों ने इनहाऊस गतिविधियों के द्वारा रिकवरी का काम शुरू किया है, वहीं दूसरी ओर एसबीआई को इस काम को अंजाम देने के लिए नियुक्तियां करने की रणनीति अख्तियार करने वाली ही समझा जाता है।

हालांकि पिछले साल की गई नियुक्तियों पर नजर डाली जाए तो इन बैंकों के द्वारा उस दौरान नियुक्तियां की गई थी जब आरबीआई ने यह चेतावनी जारी की थी कि अगर वसूली करने के दौरान जरा सी भी ज्यादती बरती गई तो फिर उन बैंकों पर प्रतिबंध लगाने में जरा भी देर नही की जाएगी। बिजी सीजन क्रेडिट पॉलिसी की उदघोषणा के बाद  आरबीआई गर्वनर वाई वी रेड्डी ने कहा कि अगर बैंकों के रिकवरी एजेंट गलत हरकतों में संलिप्त पाए गए तो फिर बैंकों को अपने कर्मचारियों से वसूली करना होगा।

इस बाबत इस साल 24 अप्रैल को एक दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि बैंकों के खिलाफ झगड़े और मुकदमों की संख्या में जिस कदर इजाफा हो रहा है,खासकर उनके रिकवरी एजेंटों के द्वारा से पता चलता है कि इससे पूर्ण स्तर पर बैंकिंग सेक्टर की साख प्रभावित हो सकती है। लिहाजा आरबीआई ने बैंकों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि रिकवरी एजेंट्स उचित तरीके  से प्रशिक्षित किए जा रहे हैं या नहीं।

खासकर उन्हें ग्राहकों की प्राइवेसी का ख्याल रखने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है या नही। साथ ही वसूली के दौरान बैंकों से यह आशा की जाती है कि वह इस बात को भी सुनिश्चित करें कि उनके कर्मी दिए गए दिशानिर्देशों को पालन कर रहे हैं या नहीं। आरबीआई को बैंकों के रिकवरी एजेंटों के खिलाफ मिल रही शिकायतों में इजाफा हुआ है।

First Published : July 23, 2008 | 10:32 PM IST