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एसएफबी को पहली तिमाही में नुकसान

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 1:42 AM IST

चार सूचीबद्घ लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) – एयू, उज्जीवन, इक्विटास और सूर्योदय – ने वित्त वर्ष 2022 की जून तिमाही में 66 करोड़ रुपये का संयुक्त शुद्घ नुकसान दर्ज किया है। इन लघु बैंकों को कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बीच प्रावधान में आई भारी तेजी की वजह से दबाव का सामना करना पड़ा है। तुलनात्मक तौर पर, इन एसएफबी ने वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में 340 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही में 375 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया था। चार में से, उज्जीवन और सूर्योदय ने पहली तिमाही में 233 करोड़ रुपये और 48 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया है।
परिसंपत्ति गुणवत्ता पर कोविड के प्रभाव की वजह से प्रावधान पूर्ववर्ती वर्ष के 444 करोड़ रुपये से पहली तिमाही में करीब दोगुना बढ़कर 912 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एसएफबी ने चौथी तिमाही में 302 करोड़ रुपये के प्रावधान संबंधित खर्च किए।

एसएफबी की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही के 1,103 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में 4,068 करोड़ रुपये पर पहुंच गईं। ये फंसे कर्ज खासकर परिवारों, लोगों, और छोटे व्यवसायों से जुड़े हुए थे। चौथी तिमाही में तिमाही आधार पर फंसे कर्ज 3,610 करोड़ रुपये से काफी बढ़ गए थे। 
कर्ज की वसूली प्रभावित हुई थी, क्योंकि कई कर्जदार अपनी आजीविका गंवा चुके थे और जिनके पास पूंजी उपलब्ध भी थी, उन्होंने महामारी से मुकाबले की वजह से इसे अपने पास रखना जरूरी समझा था।इस वजह से एनपीए का अंतर बढ़ गया था। जून 2020 में एनपीए 439 करोड़ रुपये था, जो जून 2021 में बढ़कर 1,683 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। तिमाही आधार पर, यह मार्च 2021 के 1,634 करोड़ रुपये के मुकाबले थोड़ा अधिक था, क्योंकि एसएफबी ने प्रावधान में इजाफा किया था। सीमित वृद्घि बहीखातों पर फंसे ऋणों के लिए कवरेज अनुपात में स्पष्टï रूप से दिखी।

बैंकरों का कहना है कि कोविड-19 का प्रभाव रिटेल और छोटे व्यावसायिक सेगमेंटों पर ज्यादा महसूस किया गया था। ऋण वितरण पहली तिमाही में लॉकडाउन की वजह से प्रभावित हुआ, जिससे ब्याज आय और ऋण बुक वृद्घि पर भी नकारात्मक असर पड़ा। शुद्घ ब्याज आय पहली तिमाही में 1,693 करोड़ रुपये रही, जबकि एक साल पहले की पहली तिमाही में यह 1,512 करोड़ रुपये और चौथी तिमाही में 1,530 करोड़ रुपये थी।
जून 2021 की तिमाही में अग्रिम सालाना आधार पर करीब 17 प्रतिशत बढ़कर 69,835 करोड़ रुपये रहीं। हालांकि तिमाही आधार पर मार्च 2021 के 71,860 करोड़ रुपये के मुकाबले इनमें कमी आई। छोटे ऋणों का वितरण लोगों के ज्यादा संपर्क से जुड़ा होता है, इसलिए दूसरी लहर के दौरान इस पर प्रभाव पड़ा। लॉकडाउन संबंधित सख्ती घटने से जुलाई 2021 में ऋण वितरण में धीरे धीरे सुधार आया। 

पहली तिमाही में एसएफबी की जमाएं सालाना आधार पर 36.3 प्रतिशत तक बढ़कर 69,444 करोड़ रुपये पर रहीं। वहीं तिमाही आधार पर ये चौथी तिमाही के 67,115 करोड़ रुपये के मुकाबले 3.5 प्रतिशत तक बढ़ीं।

First Published : August 22, 2021 | 10:30 PM IST