वित्त वर्ष 2022-23 में करीब 1,500 शाखाएं खोलने के बाद निजी क्षेत्र के देश के सबसे बड़े कर्जदाता HDFC Bank ने चालू वित्त वर्ष में भी उसी रफ्तार से शाखाओं का विस्तार जारी रखने का फैसला किया है। बैंक का कहना है कि जमा आकर्षित करने के लिए शाखाओं का विस्तार अहम है।
HDFC Bank की 31 मार्च 2023 तक 7,821 शाखाएं थी, जो एक साल पहले 6,342 थीं। बैंक ने मार्च 2019 से 2,850 शाखाएं खोली हैं।
बैंक के मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) श्रीनिवासन वैद्यनाथन ने वित्त वर्ष 24 के नतीजे की घोषणा के बाद विश्लेषकों से कहा, ‘हम उम्मीद कर रहे हैं कि वित्त वर्ष 24 के दौरान उसी रफ्तार से बैंकों की शाखाएं खोलना जारी रखेंगे, जैसा पिछले 15-18 महीने से कर रहे हैं।’
शाखाएं खोलने से बैंक को जमा आकर्षित करने में मदद मिली है। HDFC Bank वित्त वर्ष 23 के जनवरी मार्च के दौरान 1.5 लाख करोड़ रुपये जमा आकर्षित किया। पिछले साल अप्रैल में HDFC Limited के साथ विलय की घोषणा के बाद से पहली बार बैंक ने 1 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य पार किया है। बैंक में कुल जमा 18.88 लाख करोड़ रुपये है।
प्रदर्शन किस बात पर निर्भर होगा? HDFC Bank की जमा दरें इस उद्योग में सबसे ज्यादा नहीं हैं। वैद्यनाथन ने कहा कि बैंक को शाखाओं का नेटवर्क बढ़ाने और नए ग्राहक लाने की जरूरत है, जो जमा आकर्षित करने के हिसाब से अहम है।
उन्होंने कहा, ‘शाखा की परिपक्तवता की तरह ग्राहकों की भी परिपक्वता होती है। ग्राहक परिपक्वता में करीब 24 महीने लगते हैं। हमें ग्राहकों की क्षमता के इस्तेमाल करने की जरूरत है, जिससे हम उनके प्राथमिक बैंक बन सकें और बैलेंस प्राप्त कर सकें।’
वित्त वर्ष 23 में बैंक ने 20 लाख देनदारी (जमा करने वाले) ग्राहक जोड़े हैं।
उन्होंने कहा, ‘हमें पहुंच बढ़ाने के लिए लंबी दूरी तय करनी है और हम ग्राहकों से संबंध बनाने के लिए अनथक प्रयास करेंगे।’
HDFC Bank ने शनिवार को जनवरी-मार्च के परिणाम की घोषणा की थी। बैंक के शुद्ध मुनाफे में 19.8 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है और यह 12,047 करोड़ रुपये हो गया है। बैंक द्वारा दिए जाने वाले ऋण में वृद्धि के कारण मुनाफा बढ़ा है।
बैंक ने कहा है कि उसने शेयर बाजार और बीमा नियामक के पास HDFC के साथ विलय की मंजूरी के लिए आवेदन किया है, क्योंकि बीमा और म्युचुअल फंड की सहायक इकाइयों के मालिकाना में भी बदलाव होगा। HDFC Bank को उम्मीद है कि जुलाई में विलय हो जाएगा।
पिछले महीने राष्ट्रीय कंपनी कानून पंचाट (NCLT) ने विलय को मंजूरी दे दी थी।
उन्होंने कहा, ‘हमने SEBI (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड) के पास आवेदन किया है क्योंकि प्रमोटर की प्रोफाइल में बदलाव होगा और म्युचुअल फंड धारकों को नोटिस दी जाएगी। हमने इरडा (भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण) से भी संपर्क साधा है, जिससे प्रमोटर में बदलाव किया जा सके। हम उनकी मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि सब कुछ होने के बाद मामला RBI के पास अंतिम चरण में पहुंचेगा और हमारा मानना है कि जून-जुलाई, संभवतः जुलाई में विभिन्न काम पूरा हो जाएगा।