दिवालिया समाधान प्रक्रिया का सामना कर रही फ्यूचर रिटेल को 33 वित्तीय लेनदारों से 21,057 करोड़ रुपये का दावा प्राप्त हुआ है। कंपनी की वेबसाइट पर जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
कुल दावे में से 17,511.69 करोड़ रुपये के दावे का सत्यापन अंतरिम रिजोल्यूशन प्रोफेशनल की टीम ने किया है जबकि 3,546 करोड़ रुपये के दावे का सत्यापन अभी नहीं हो पाया है।
वित्तीय लेनदारों में अमेरिका के बैंक ऑफ न्यू यॉर्क मेलॉन ने 4,669 करोड़ रुपये का दावा पेश किया है, जिसमें से 4,109 करोड़ रुपये के दावे का सत्यापन हो गया है। भारतीय स्टेट बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, पंजाब नैशनल बैंक, यूको बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और कुछ अन्य बैंकों ने 12,755 करोड़ रुपये का दावा पेश किया है, जो फ्यूचर रिटेल को वित्तीय लेनदारों से मिले कुल दावे का करीब 60 फीसदी है।
निजी क्षेत्र के ऐक्सिस बैंक, इंडसइंड बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और येस बैंक ने क्रमश: 464.46 करोड़ रुपये, 357.67 करोड़ रुपये, 220.55 करोड़ रुपये और 148.70 करोड़ रुपये का दावा पेश किया है।
ऐक्सिस ट्रस्टी सर्विसेज लिमिटेड ने 1,266.28 करोड़ रुपये का दावा किया है, लेकिन पूरी रकम का अभी सत्यापन नहीं हो पाया है। कंपनी को परिचालक लेनदारों से 265 करोड़ रुपये का दावा मिला है, लेकिन इसका सत्यापन भी नहीं हो पाया है। मिले दावों के सत्यापन के बाद अंतरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल लेनदारों की समिति बनाएंगे और फिर कंपनी की परिसंपत्तियों से लिए संभावित बोलीदाताओं से अभिरुचि पत्र आमंत्रित करेंगे। जब अभिरुचि पत्र मिल जाएगा तब इसकी जांच रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल की टीम करेगी और इसे मंजूरी के लिए लेनदारों की समिति के सामने रखा जाएगा। इसके बाद लेनदारों की समिति को बहुमत के साथ सबसे ऊंची बोली को मंजूरी देनी होगी।
पिछले महीने एनसीएलटी के मुंबई पीठ ने दिवालिया संहिता की धारा 7 के तहत बैंक ऑफ इंडिया का आवेदन स्वीकार कर लिया था।