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महामारी से बैंकों को लगा तगड़ा झटका

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 14, 2022 | 8:23 PM IST

वैश्विक कंसल्टेंसी फर्म मैकिंजी ने अनुमान व्यक्त किया है कि कोविड-19 महामारी की वजह से भारत में बैंकों को वर्ष 2024 तक करीब 12 लाख करोड़ रुपये के नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
जहां राजस्व नुकसान 5.5 लाख करोड़ रुपये का हो सकता है, वहीं ऋण नुकसान प्रावधान का आंकड़ा 6.7 लाख करोड़ रुपये के आसपास रह सकता है। वर्ष 2008 का संकट वित्तीय सेवा उद्योग में पैदा हुआ था। मौजूदा समय में वास्तविक अर्थव्यवस्था के इस संकट में अन्य क्षेत्रों के साथ साथ बैंक भी प्रभावित हुए हैं। मौजूदा संकट (कोविड-19 महामारी और उसके बाद का प्रभाव) बना हुआ है और बैंकों के लिए यह समय सबसे बड़े दबाव का मुकाबला करने का है। मैकिंजी की वैश्विक बैंकिंग सालाना समीक्षा के अनुसार यह ऐसी परीक्षा का समय है जिससे उद्योग जूझ रहा है।
मैकिंजी के वरिष्ठ पार्टनर एवं प्रमुख (फाइनैंशियल सर्विसेज) आकाश लाल ने कहा कि कंपनी का मानना है कि इस परीक्षा की घड़ी ने बैंकों को महीनों और वर्षों में दो चरणों से जुड़ा होगा। पहला गंभीर क्रेडिट नुकसान से जुड़ा होगा और इसके 2021 के अंत में दिखने की आशंका है। लगभग सभी बैंकों और बैंकिंग व्यवस्था में सुधार की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इसके बाद, कमजोर वैश्विक रिकवरी के बीच, बैंकों को मौजूदा परिचालन के लिए कड़ी चुनौती का सामना करना होगा, जो 2024 के बाद तक बनी रह सकती है।
भारत में बैंकों पर कुल प्रभाव वित्त वर्ष 2024 तकी 12 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इसका करीब दो-तिहाई कॉरपोरेट, एसएमई और उपभोक्ता उधारी पर बढ़ती जोखिम लागत की वजह से होगा। मैकिंजी के अनुसार, इसके अलावा 20 प्रतिशत प्रभाव बिक्री पर दबाव (उपभोक्ता और होलेसल उधारी की कम मांग) की वजह से दर्ज किया जा सकता है।
अन्य 10 प्रतिशत प्रभाव मार्जिन पर दबाव की वजह से पडऩे की आशंका है, क्योंकि ब्याज दरें लगातार नीचे बनी हुई हैं और सुरक्षित परिसंपत्तियों के लिए बढ़ती प्रतिस्पर्धा से मार्जिन में गिरावट को बढ़ावा मिला है।
भारत के बैंकों को कोविड से पहले जैसे मुनाफे और आरओई की स्थिति में लौटने उत्पादकता में 25-30 प्रतिशत का इजाफा करने की जरूरत होगी। लागत नियंत्रण की दिशा में कई प्रयास किए गए हैं।
बैंकों ने मोबाइल/डिजिटल पेशकशों में तेजी से अपना दायरा बढ़ाया है, लेकिन कई बैंक डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश के मोर्चे पर पीछे बने हुए हैं।

First Published : December 9, 2020 | 11:42 PM IST