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नकदी को दी तवज्जो

Last Updated- December 08, 2022 | 9:02 AM IST

सितंबर 2008 से स्मार्ट पोर्टफोलियो की शुरुआत के बाद बीएसई 200 के बेंचमार्क सूचकांक में लगभग 36.3 फीसदी की गिरावट आई है।


हालांकि इंडिया इन्फोलाइन के उपाध्यक्ष अमर अंबानी केपोर्टफोलियो में 0.34 फीसदी की बढ़त देखी गई है।

रेक्स केनो के साथ बातचीत में अंबानी ने अपनी मौजूदा निवेश रणनीति के बारे में बातचीत की। प्रस्तुत हैं इसके कुछ अंश:

वैश्विक वित्तीय संकट को देखते हुए आपने अपनी रणनीति में क्या कोई बदलाव किया है?

स्मार्ट पोर्टफोलियो की शुरुआत के बाद मेरी हमेशा से रणनीति अपने पास अधिक से अधिक नकदी रखने की रही है। इसमें अभी तक कोई बदलाव नहीं आया है और सच्चाई यह है कि मेरे पास अभी बहुत नकदी हैं।

बाजार में हमेशा कारोबार से अपने को अलग रखना बेहतर रणनीति नहीं मानी जा सकती।

हालांकि वैश्विक वित्तीय संकट के रोज नए आयाम सामने आने से बाजार में एकतरफा गिरावट आ रही है और पिछले कुछ महीनों में तो ऐसा चलन देखने को मिला है।

अपने कारोबार को आगे बढाने के लिए आप कौन सी रणनीति अपनाएंगे?

आगे की रणनीति इस बार पर निर्भर करेगी कि विश्व और भारत के आर्थिक हालात में किस तरह केबदलाव आते हैं। अपने पिछले साक्षात्कार में मैंने कहा था कि ऐसा कहना बिल्कुल गलत है कि एक फंड प्रबंधक को बाजार में हमेशा निवेश जारी रखना चाहिए।

उसे उन बातों का मुख्य रुप से ध्यान रखा जाना चाहिए जिससे ग्राहकों को फायदा पहुंचे। अगर परिस्थितियों को देखते हुए नकद राशि रखना जरूरी होता है तो फिर इसमें कोई बदलाव लाना मेरे नजरिये से उचित नहीं  होगा।

हाल में सरकार और आरबीआई ने अर्थव्यवस्था की हालत सुधारने के लिए कुछ राहत भरे कदम उठाए हैं। ये कदम विकास की रफ्तार को पटरी पर लाने में कितने मददगार साबित होंगे?

आरबीआई द्वारा प्रमुख दरों में कटौती से बाजार में नकदी का प्रभाव बढ़ेगा।

जहां तक सरकार के राहत पैकेज की बात है तो इससे अर्थव्यवस्था में कुछ जान आ सकती है। हालांकि सरकार और आरबीआई के इस कदम से अर्थव्यवस्था में जल्द किसी सुधार की उम्मीद नहीं की जा सकती है।

मेरा मानना है कि गैर-बैंकिंग स्रोत जैसे आईपीओ बांड और ईसीबी के जरिए कर्ज को लेकर मुशिकल आ रही है।बाजार में कारोबार के लिए जो ऋण मुहैया कराए जाते हैं, उनमें उनका योगदान करीब 30 फीसदी का होता है।

पिछले कई महीनों से बैंक ऊंची दरों पर ऋण मुहैया कराते आ रहे हैं लेकिन अब उनको परिसंपत्ति की गुणवत्ता पर अपना ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।


जमा दरों में भी काफी गिरावट आई है और इनकी लागत काफी ज्यादा बढ़ गई है जिससे पूंजी जुटाना पहले से काफी महंगा हो गया है।

वैश्विक स्तर पर अनेक देशों ने जिस सहायता राशि की घोषणा की है वह नाकाफी है। अब विश्व की अर्थव्यवस्थाओं को कुछ कठिन समझौते करने पड़ सकते हैं जिन्हें पूरा होने में कुछ समय लगेगा।

किस तरह के शेयरों से आपको फायदा पहुंचा और किनसे नुकसान?

 बाजार में जरूरत से ज्यादा बिकवाली  होने का हमें फायदा मिला है। अपने पास ज्यादा नकदी होने से बहुत लाभ मिला है और स्मार्ट पोर्टफोलियो में नकदी का जबरदस्त योगदान रहा है।

आपके मुताबिक आनेवाले दिनों में कौन से क्षेत्र बेहतर प्रदर्शन करेंगे और क्यों?

जहां तक क्षेत्रों की बात है तो दूरसंचार, फार्मा और एफएमसीजी का प्रदर्शन कुल मिलाकर बेहतर लग रहा है।

हालांकि हमारा मानना है कि शेयरों को लेकर मौजूदा समय में सतर्क  रहना चाहिए। हमारी नजर उन कंपनियों पर रहेगी जिनमें चहुंमुखी विकास की क्षमता होगी।

निवेशकों को आप क्या सलाह देना चाहेंगे?

निवेशकों को मेरी सलाह है कि वे बाजार में कारोबार पर नजर रखें, चुनिंदा शेयरों का चयन करें और बेहत कीमत आने तक इंतजार करें।

First Published - December 14, 2008 | 10:40 PM IST

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