मिल्कीपुर विधान सभा सीट के लिए आगामी 5 फरवरी को होने वाले चुनाव में उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। यहां हर हाल में जीत दर्ज करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी अभेद्य रणनीति बुननी शुरू कर दी है। पिछले विधान सभा चुनाव में अयोध्या जिले में आने वाली मिल्कीपुर विधान सभा सीट से समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद विधायक बने थे। वर्ष 2024 के आम चुनाव में अवधेश फैजाबाद लोक सभा सीट से भाजपा उम्मीदवार और यहां से सांसद लल्लू सिंह को हराकर सांसद बन गए। इस कारण मिल्कीपुर सीट रिक्त हो गई।
बीते साल अक्टूबर में निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश की 9 विधान सभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा कर दी थी, लेकिन अदालती कार्यवाही जारी रहने के कारण मिल्कीपुर को उस समय छोड़ दिया गया था। नवंबर में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लखनऊ पीठ ने चुनाव याचिका को वापस लेने की इजाजत दे दी थी। इससे मिल्कीपुर उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया और आयोग ने 7 जनवरी को यहां उपचुनाव की तारीख घोषित कर दी।
अयोध्या में जनवरी 2022 में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के भव्य आयोजन के बावजूद केंद्र और राज्य में सत्ताधारी भाजपा को फैजाबाद लोक सभा सीट पर सपा के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। इसकी भरपाई करने को भाजपा यह सीट जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। इसलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं मिल्कीपुर विधान सभा सीट के प्रभारी हैं और छह वरिष्ठ मंत्रियों को भी मैदान में उतारा गया है।