लोक सभा चुनाव अब अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रहे हैं। सात चरणों में विस्तारित इन चुनावों के छठे चरण में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग सीट समेत सात राज्यों के 58 निर्वाचन क्षेत्रों में शनिवार को वोट डाले जाएंगे। पिछले लोक सभा चुनाव में दिल्ली की सात और हरियाणा दस सीट समेत भाजपा ने इनमें से 40 सीट जीती थीं, जबकि कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी।
इस चरण में लगभग 11 करोड़ मतदाता 889 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत का फैसला करेंगे। आम चुनाव के साथ ही ओडिशा में विधान सभा चुनाव के लिए भी मतदान होगा। मौसम विभाग ने मतदान वाले दिन चक्रवाती तूफान आदि का प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ने का पूर्वानुमान जारी किया है।
निर्वाचन आयोग ने दिल्ली, गुरुग्राम और फरीदाबाद सहित शहरी क्षेत्रों के मतदाताओं को उनके मताधिकार की याद दिलाते हुए लोक सभा चुनाव में बड़ी संख्या में वोट देने की अपील की है। अब तक संपन्न पांच चरणों के चुनाव में 428 सीट पर वोट डाले जा चुके हैं।
सातवें और अंतिम चरण के चुनाव में 1 जून को 57 सीटों पर मतदान होगा। यही नहीं, करनाल विधान सभा सीट के लिए उपचुनाव भी होगा। यहां हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के लिए कुरुक्षेत्र से संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
छठे चरण के प्रमुख उम्मीदवारों में सुल्तानपुर से मेनका गांधी (भाजपा), संबलपुर (ओडिशा) से धर्मेंद्र प्रधान (भाजपा), उत्तर-पूर्वी दिल्ली से मनोज तिवारी (भाजपा) व कन्हैया कुमार (कांग्रेस), अनंतनाग-राजौरी (जम्मू और कश्मीर) से महबूबा मुफ्ती (पीडीपी), तमलुक (पश्चिम बंगाल) से अभिजीत गंगोपाध्याय (भाजपा), करनाल से मनोहर लाल खट्टर, कुरुक्षेत्र से नवीन जिंदल, गुरुग्राम सीट से राव इंद्रजित सिंह, दीपेंद्र हुड्डा (रोहतक), बांसुरी स्वराज (नई दिल्ली) शामिल हैं।
भाजपा को न केवल दिल्ली, हरियाणा, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश में ही शानदार सफलता मिली थी, लेकिन इसने पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे तटीय राज्यों में क्षत्रपों के नेतृत्व वाले क्षेत्रीय दलों को अपने बेहतर प्रदर्शन से चौंका दिया था।
भाजपा ने पश्चिम बंगाल के आदिवासी बहुल जंगल महल क्षेत्र की पांच सीट पर कब्जा जमाया था। तृणमूल कांगेस द्वारा जीती गई तीन में से दो सीट दिव्येंदु अधिकारी (तमलुक) और उनके पिता शिशिर अधिकारी (कुंठी) की बदौलत जीती थी। सुभेंदु अधिकारी 2021 में भाजपा में शामिल हो गए थे। इसलिए यह चुनाव अधिकारी परिवार के लिए बहुत अधिक महत्त्वपूर्ण हो गया है और सवाल खड़ा होता है कि क्या अधिकारी परिवार अपने गढ़ की रक्षा कर पाएगा?
छठे चरण में उत्तर प्रदेश की भी 14 सीट पर मतदान होगा। भाजपा यहां बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के साथ मुकाबले में है। पिछले चुनाव में भाजपा ने इन 14 में से 9, बसपा ने 4 और सपा ने एक सीट जीती थी।
पिछले चुनाव में आंबेडकर नगर से बसपा के टिकट पर सांसद बने रितेश पांडेय इस बार भाजपा के प्रत्याशी हैं। श्रावस्ती से भाजपा ने प्रधानमंत्री मोदी के पूर्व प्रमुख सचिव नृपेंद्र मिश्रा के बेटे साकेत मिश्रा को मैदान में उतारा है। पिछले चुनाव में भाजपा यह सीट हार गई थी। सपा ने यहां से राम शिरोमणि वर्मा को टिकट दिया है, जो 2019 के चुनाव में बसपा के टिकट पर जीते थे।
इस चुनाव में बिहार की 8 सीट पर मतदान होगा। पिछले चुनाव में इनमें से 4 सीट भाजपा ने जीती थीं और शेष सीटें इसके सहयोगी जदयू और लोजपा के खाते में गई थीं।