सरकार की तरफ से अचानक लैपटॉप, टैबलेट के आयात पर रोक लगाने के बाद देशभर में अफरा-तफरी मच गई थी। जहां एशिया के सबसे बड़े और सबसे व्यस्ततम IT मार्केट नेहरू प्लेस में दुकानदारों के अंदर निराशा देखने को मिली वहीं बड़ी कंपनियों जैसे Apple, Samsung, Dell और HP भी लाइसेंस को लेकर परेशान दिखाई दीं।
इस बीच सरकार की तरफ से फिर से एक राहत की खबर आई है। सरकार ने शुक्रवार को यह ऐलान किया कि लैपटॉप और कंप्यूटर (टैबलेट कंप्यूटर सहित) पर आयात प्रतिबंध आदेश को लगभग तीन महीने के लिए यानी 31 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया जाता है। खबर आने के बाद इन इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों ने राहत की सांस ली क्योंकि सरकार के इस कदम से कंपनियों को बिना लाइसेंस के इन डिवाइसेज को आयात करने के लिए थोड़ा समय और मिल जाएगा और वे रेगुलेटर्स यानी सरकारी नियामकों की तरफ से लाइसेंस प्राप्त करने में थोड़ा और सक्षम हो जाएंगी।
इस तारीख से बिना लाइसेंस के नहीं आयात कर सकेंगी लैपटॉप . टैबलेट
सरकार ने कहा कि अब इन इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मेकर्स को 1 नवंबर से अपनी डिवाइस को आयात करने के लिए सरकार से लाइसेंस लेना होगा।
3 अगस्त को सरकार ने इन डिवाइस के आयात को तत्काल प्रभाव से लाइसेंस व्यवस्था के तहत डाल दिया। इसके बाद इंडस्ट्री वर्ल्ड ने सरकार के समय अपने मुद्दे उठाए। केंद्र सरकार ने इन कंपनियों की दलील सुनने के बाद 3 महीने का और वक्त दिया है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने शुक्रवार देर रात जारी एक आदेश में कहा कि 3 अगस्त (गुरुवार) को जारी की गई अधिसूचना अब 1 नवंबर से प्रभावी होगी यानी 1 नवंबर से जितने भी लैपटॉप या टैबलेट विदेशों से तभी मंगाए जा सकेंगे जब आयात करने वाली कंपनी को सरकार की तरफ से लाइसेंस मिला हो।
आदेश में यह भी कहा गया है, ‘प्रतिबंधित आयात के लिए लाइसेंस के बिना आयात खेप (Import consignments) को 31 अक्टूबर, 2023 तक मंजूरी दी जा सकती है। 1 नवंबर, 2023 से प्रभावी आयात खेप की मंजूरी के लिए, प्रतिबंधित आयात के लिए वैध लाइसेंस की आवश्यकता है।’
इसमें कहा गया है कि ’31 अक्टूबर, 2023 तक लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर, अल्ट्रा-स्मॉल फॉर्म फैक्टर कंप्यूटर और सर्वर के आयात के लिए एक लिबरल ट्रांजीशनल व्यवस्था प्रदान की गई है।’
क्यों लगाया गया प्रतिबंध?
ब्लूमबर्ग ने पिछले दिनों बताया था कि आयात पर प्रतिबंध, भारत की अचानक नीतिगत बदलावों (policy change) का एक उदाहरण है, जो विदेशी इलेक्ट्रॉनिक्स को आयात करने से रोकने के लिए लंबे समय से चले आ रहे उपायों में शामिल है। इसका उद्देश्य भारत में वर्ल्ड क्लास की टेक मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री का खड़ा करना है।
गुरुवार को भारत सरकार ने अचानक यह ऐलान किया और लैपटॉप व टैबलेट आयात करने वाली कंपनियों पर बाहर से डिवाइस मंगाने पर बैन लगा दिया। सरकार ने हवाला दिया सुरक्षा कारणों का। दूसरा कारण जो सरकार की तरफ से दिया गया वह था मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने का। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार के इस कदम से चीन और कोरिया जैसे देशों से इन सामानों के आने वाले शिपमेंट में भी कमी आएगी।
आयात पर अंकुश से केंद्र सरकार की नजर और पैनी हो जाएगी और सरकार को यह पता लगता रहेगा कि किस लोकेशन से डिवाइसेज का आयात हो रहा है।
बिज़नेस स्टैंडर्ड ने अपनी गुरुवार की रिपोर्ट एक अधिकारी के हवाले से में बताया था कि सरकार के इस कदम का मकसद चीन के साथ व्यापार असंतुलन को कम करना है।
हालांकि, चंद्रशेखर ने पहले कहा था कि आयात पर रोक लगाने का मसकद विश्वसनीय हार्डवेयर और सिस्टम सुनिश्चित करना तथा आयात पर निर्भरता घटाना है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार वर्तमान में दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश में लैपटॉप, टैबलेट और अन्य हार्डवेयर के निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए 170 अरब रुपये (2.1 बिलियन डॉलर) की वित्तीय प्रोत्साहन योजना के लिए आवेदन मांग रही है क्योंकि कंपनियां चीन से बाहर सप्लाई चेन में बढ़ावा देना चाहती हैं।
लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन को लेकर पोर्टल तैयार
बता दें कि DGFT ने एक पोर्टल तैयार किया है और कंपनियां लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। DGFT अप्लीकेशन प्राप्त होने के बाद दो दिन के अंदर लाइसेंस जारी कर सकता है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय लाइसेंस लागू होने से पहले की अवधि में उत्पाद की खेप को मंजूरी दिलाने में उद्योग की मदद करेगा।
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, PLI 2.0 (प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम) आईटी हार्डवेयर योजना के तहत, 44 कंपनियां पहले ही रजिस्ट्रेशन करा चुकी हैं और दो कंपनियों ने 31 जुलाई तक योजना पोर्टल पर अपने आवेदन दाखिल किए हैं। कंपनियां 30 अगस्त तक आवेदन जमा कर सकती हैं।
क्यों लैपटॉप पर बैन कंपनियों को पड़ रहा भारी?
भारत में दिवाली का सीजन आने वाला है और स्कूल या कॉलेज जाने वाले छात्रों की संख्या भी बढ़ने वाली है। ऐसे में लैपटॉप, टैबलेट की मांग देश में तेजी से बढ़ेगी। लोगों ने कहा कि टेक कंपनियां अब भारत सरकार के साथ मिलकर इस बात पर काम कर रही हैं कि उन्हें जल्द से जल्द लाइसेंस मिल सके। त्योहारी दिनों और खास तौर पर दीवाली के दौरान ग्राहक खूब खरीदारी करते हैं। उस समय कंप्यूटर उपलब्ध नहीं हुए तो बिक्री पर बहुत चोट पड़ सकती है।