वित्त वर्ष 22 में हासिल कर लेंगे राजस्व लक्ष्य

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 6:22 AM IST

बीएस बातचीत

कोविड-19 के बढ़ते मामलों और टीके की उपलब्धता के बीच राजस्व सचिव तरुण बजाज ने दिलाशा सेठ से कहा कि सरकार राजस्व लक्ष्य हासिल कर लेगी। उन्होंने कहा कि इस बार कोविड के कारण आर्थिक गतिविधियां प्रभावित नहीं हो रही हैं। बजाज ने ईंधन पर कर, इक्वलाइजेशन लेवी, फेसलेस कर प्रणाली सहित कई मसलों पर बात की। प्रमुख अंश…
इस साल कर संग्रह संशोधित अनुमान से ज्यादा है। क्या इससे 2020-21 का राजकोषीय घाटा जीडीपी के 9.5 प्रतिशत से नीचे आएगा?
हां, राजस्व ज्यादा होगा, लेकिन हमने रिफंड पर भी जोर दिया है। आखिरी दो महीनों में रिफंड सामान्यतया सुस्त रहता है, इस बार हम इस पर जोर दे रहे हैं। हमने पिछले साल की तुलना में 70,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रिफंड किया है, जो 1.86 लाख करोड़ रुपये था। आंकड़े अभी आने हैं। हमारे पास ज्यादा राजस्व होगा, लेकिन हमारा व्यय भी बजट के संशोधित अनुमान से ज्यादा है। लेकिन मुझे उम्मीद है कि राजकोषीय घाटा अनुमान से थोड़ा कम ही रहेगा।

अमेरिका ने इक्वलाइजेशन लेवी की प्रतिक्रिया में कर लगाने की धमकी दी है। इस पर भारत का क्या रुख है?
जी-20 द्वारा डिजिटल अर्थव्यवस्था पर कर लगाने के मसले पर चर्चा हुई है। हम उम्मीद करते हैं कि इस साल के मध्य तक कुछ समाधान निकल जाएगा। भारत ही नहीं कई अन्य देशों ने भी इक्वलाइजेशन लेवी लगाया है।

कोविड के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे में क्या कुल मिलाकर आर्थिक रिकवरी को लेकर कोई जोखिम है?
मुझे नहीं लगता कि इससे आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। इस बार हम टीके के माध्यम से महामारी को नियंत्रित करने की कोशिश करेंगे। इस बार इसका जवाब लॉकडाउन नहीं होगा। इसके पहले अलग कहानी थी। अब हम इस वायरस से निपटने को तैयार हैं। इसके साथ ही उत्पाद शुल्क और जीएसटी के रोजाना के आंकड़ों पर कोई असर नहीं दिख रहा है। ऐसे में हमें उम्मीद है कि आगामी वित्त वर्ष में हम कर संग्रह का लक्ष्य हासिल कर लेंगे।

क्रिप्टोकरेंसी विधेयक कहां अटका है? देरी की वजह?
अंतिम रूप दिए जाने के पहले इस पर अभी और चर्चा की जरूरत है।  

क्या केंद्र सरकार की ओर से ईंधन पर उत्पाद शुल्क में कमी किए जाने की कोई संभावना है?
कीमतें पहले की कम होने लगी हैं और इसके पहले के साल में केंद्र व राज्य दोनों ही सरकारों को संसाधनों की कमी थी। लेकिन सवाल यह है कि अगर हम उत्पाद शुल्क घटाते हैं तो राज्य वैट की दरें बढ़ाएंगे? कर में किसी तरह की कमी राज्यों के साथ तालमेल के साथ की गई कार्रवाई होगी।

फेसलेस आकलन का प्रदर्शन कैसा है?
94 प्रतिशत से ज्यादा मामलों में करदाताओं का स्पष्टीकरण मान लिया गया है और अतिरिक्त कर या जुर्माना नहीं लगा है। सिर्फ करीब 1600 मामलों में यह माना गया है कि आय कम करके दिखाई गई है।

First Published : April 2, 2021 | 12:26 AM IST