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USD vs INR: डॉलर के मुकाबले फिसला रुपया, गिरकर 84 के पार पंहुचा

कारोबार की समा​प्ति पर रुपया आज 84.07 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। इससे पहले यह 84.10 तक नीचे आ गया था। गुरुवार को यह 83.98 पर बंद हुआ था।

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अंजलि कुमारी   
Last Updated- October 11, 2024 | 10:46 PM IST

USD vs INR: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा इ​क्विटी बाजार में बिकवाली से रुपये पर दबाव बढ़ गया है। इससे डॉलर के मुकाबले रुपया नरम होकर आज 84 के स्तर को पार कर नए निचले स्तर पर पहुंच गया। डीलरों ने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव के कारण कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से भी रुपये पर दबाव बना हुआ है। 19 अक्टूबर, 2022 को डॉलर के मुकाबले रुपया 83 के स्तर पर पहुंचा था और उसके करीब दो साल बाद प्रति डॉलर 84 रुपये के स्तर को पार कर गया।

कारोबार की समा​प्ति पर रुपया आज 84.07 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। इससे पहले यह 84.10 तक नीचे आ गया था। गुरुवार को यह 83.98 पर बंद हुआ था। रुपये का इससे पहले निचला स्तर 12 सितंबर को 83.99 प्रति डॉलर था।

डीलरों ने कहा कि केंद्रीय बैंक की तरफ से सरकारी बैंकों द्वारा डॉलर बेचे जाने से रुपये में और ज्यादा गिरावट नहीं आई। चालू वित्त वर्ष में डॉलर के मुकाबले रुपया 0.8 फीसदी नरम हो चुका है और बांग्लादेशी टका तथा फिलिपींस के पेसो के बाद ए​शियाई मुद्राओं में इसका प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। विदेशी निवेशकों ने इ​क्विटी बाजार में इस महीने अभी तक 5.7 अरब डॉलर की बिकवाली की है और ऋण सेग्मेंट से भी 12.5 करोड़ डॉलर की निकासी की है।

बाजार के भागीदारों ने कहा कि रुपये की तेज गिरावट को थामने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से बाजार में डॉलर बेचे। करूर वैश्य बैंक के ट्रेजरी प्रमुख वीआरसी रेड्डी ने कहा, ‘यह स्तर कायम रहना चाहिए क्योंकि यह मनोवैज्ञानिक रूप से बहुत महत्त्वपूर्ण स्तर है। रिजर्व बैंक रुपये के धीरे-धीरे अवमूल्यन की अनुमति दे रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘इस महीने रुपया 83.90 से 84.10 प्रति डॉलर के दायरे में रह सकता है।’ भारतीय रिजर्व बैंक दो महीने से अधिक समय से रुपये को 84 प्रति डॉलर के स्तर को पार करने से बचा रहा था।

सीआर फॉरेक्स में प्रबंध निदेशक अमित पाबरी ने कहा, ‘आरबीआई के अपेक्षित हस्तक्षेप और रिकॉर्ड मुद्रा भंडार तथा मजबूत प्रतिरोध से रुपये को 84.10 प्रति डॉलर पर सहारा मिला है। विदेशी निवेशकों की बिकवाली थमने के बाद रुपया फिर से 84 के स्तर से नीचे आ सकता है।’ 27 सितंबर को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 700 अरब डॉलर के पार पहुंच गया था।

आरबीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार 4 अक्टूबर को विदेशी मुद्रा भंडार 701 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर था। इस साल भारत के मुद्रा भंडार में करीब 78 अरब डॉलर का इजाफा हुआ था। विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में भारत चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश है। मुद्रा बाजार में अप्रत्या​शित उठापटक को थामने के लिए आरबीआई विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग करता है।

दो हफ्ते पहले अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दर में 50 आधार अंक की कटौती किए जाने से रुपया मजबूत होकर 83.48 प्रति डॉलर पर आ गया था। मगर प​श्चिम ए​शिया में भू-राजनीतिक तनाव के बीच तेल के दाम बढ़ने से रुपया फिर दबाव में आ गया।

चालू वित्त वर्ष में रुपये में लगातार नरमी देखी जा रही है। लेकिन आरबीआई के हस्तक्षेप से वह एक दायरे में ही रहा है। इस साल अभी तक डॉलर के मुकाबले रुपया 1.03 फीसदी नरम हो चुका है। अक्टूबर में यह 0.32 फीसदी नीचे आया है।

First Published : October 11, 2024 | 10:45 PM IST