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व्यापार घाटा बढ़कर हुआ 192 अरब डॉलर, आयात रिकॉर्ड शीर्ष स्तर पर

Last Updated- December 11, 2022 | 8:13 PM IST

वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान व्यापार घाटा बढ़कर 192 अरब डॉलर हो गया है, क्योंकि पेट्रोलियम की आयात की जाने वाली खेपों का मूल्य एक साल पहले की तुलना में करीब दोगुना होने की वजह से आयात 610 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।
फरवरी के आखिर से रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण कच्चे तेल के वैश्विक दामों में इजाफे को पेट्रोलियम आयात के मूल्य में तेज उछाल को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी किए गए प्रारंभिक आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 22 में देश के कुल आयात में पेट्रोलियम आयात का हिस्सा 26 प्रतिशत था।
पेट्रोलियम उम्पादों के अलावा इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं और सोने का आयात एक-तिहाई तक बढ़ा और इसके परिणामस्वरूप व्यापार घाटे में इजाफा हुआ। भारत से निर्यात की गई वस्तुओं के मूल्य में 40 प्रतिशत की वृद्धि नजर आई, जो 417.8 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया और सरकार द्वारा निर्धारित वार्षिक लक्ष्य से पांच प्रतिशत तक आगे निकल गया। यह इंजीनियरिंग वस्तुओंं, पेट्रोलियम उत्पादों और रत्न एवं आभूषणों की अधिक मांग से प्रेरित रहा। आयात और भी ज्यादा तेजी से बढ़ा। वित्त वर्ष 22 में भारत का वस्तु आयात वित्त वर्ष 21 के 394.44 अरब डॉलर की तुलना में 54.71 प्रतिशत बढ़ा। नतीजतन वस्तु व्यापार पहली बार एक लाख करोड़ डॉलर का स्तर पार कर गया।
मार्च महीने के दौरान निर्यात 40.38 अरब डॉलर के स्तर तक पहुंच गया, जबकि एक साल पहले की इसी अवधि में यह 34 अरब डॉलर था।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भारत का मासिक वस्तु निर्यात पहली बार 40 अरब डॉलर से अधिक हो गया, जो मार्च 2022 में 40.38 अरब डॉलर रहा। मार्च 2021 के 35.26 अरब डॉलर के मुकाबले इसमें 14.53 प्रतिशत तथा मार्च 2020 के 21.49 अरब डॉलर के मुकाबले 87.89 प्रतिशत का इजाफा हुआ। मार्च 2022 में देश का वस्तु आयात 59.07 अरब डॉलर था। इसमें मार्च 2021 के 48.90 अरब डॉलर की तुलना में 20.79 प्रतिशत और मार्च 2020 के 31.47 अरब डॉलर की तुलना में 87.68 प्रतिशत का इजाफा हुआ। मार्च 2022 में व्यापार घाटा 18.69 अरब डॉलर था।

First Published - April 4, 2022 | 11:35 PM IST

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