सरकार ने आज भारतीय अर्थव्यवस्था के अपस्फीतिक दौर में प्रवेश करने के भय को दरकिनार करते हुए कहा कि इस महीने मुद्रास्फीति में हुई भारी गिरावट पिछले साल के उच्चतर मूल्य आधार से संबंधित है न कि मूल्य में तेज गिरावट से।
कैबिनेट सचिव के एम चंद्रशेखर ने फिक्की के एक समारोह में कहा मुझे फिलहाल अपस्फीति के कोई संकेत नहीं दिखते। संभवतः मुद्रास्फीति में गिरावट पिछले साल के उच्चतर मूल्य आधार के कारण हुई है न कि मूल्य में उल्लेखनीय गिरावट की वजह से।
सात मार्च को समाप्त सप्ताह के दौरान थोक मूल्य पर आधारित मुद्रास्फीति सूचकांक के तीन दशक से ज्यादा समय के निम्नतम स्तर 0.44 फीसदी पर पहुंच गई। पिछले साल की समान अवधि में यह 7.78 फीसदी थी।