अर्थव्यवस्था

डॉलर की मांग से रुपया धाराशायी, आरबीआई ने झोंके अरबों डॉलर

रुपया 85.82 के निचले स्तर पर चला गया, रिजर्व बैंक ने दिया दखल

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अंजलि कुमारी   
Last Updated- December 27, 2024 | 11:40 PM IST

रुपये में दिन के कारोबार (इंट्राडे) के दौरान शुक्रवार को दो साल में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई। मगर बाद में रुपये ने इस नुकसान की कुछ भरपाई की। दरअसल महीने के अंत में आयातकों की डॉलर मांग का दबाव बढ़ने, बिना डिलीवरी वाले फॉरवर्ड (एनडीएफ) यानी मुद्रा डेरिवेटिव सौदों और मुद्रा वायदा के चलते डॉलर की मांग में तेजी आई।

आखिर में रुपया 0.3 प्रतिशत गिरकर बंद हुआ। यह 4 जून को लोकसभा चुनावों के नतीजे की घोषणा के बाद इसमें सबसे अधिक गिरावट है। रुपया कमजोर होकर 85.82 के निचले स्तर पर पहुंचने के बाद अंत में 85.54 प्रति डॉलर के स्तर पर टिका। यह भी रुपये का नया निचला स्तर है। दिन में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सरकारी बैंकों के माध्यम से करीब 2.5 अरब डॉलर डॉलर की बिक्री करते हुए इसमें हस्तक्षेप किया। एक दिन पहले गुरुवार को रुपया 85.29 प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ।

इस महीने डॉलर के मुकाबले रुपया अब तक 1.3 प्रतिशत तक गिर चुका है और यह एशिया में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्राओं में शामिल हो गया है। आरबीएल बैंक के ट्रेजरी प्रमुख अंशुल चांडक ने बताया, ‘साल के आखिरी दिन होने से कारोबार कम हो रहा है जिससे काफी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है और थोड़ी सी भी खरीदारी से भी बड़े दबाव की स्थिति बन रही है।’ उन्होंने कहा, ‘मौजूदा स्थिति को देखते हुए हमने अनुमान लगाया था कि मार्च के अंत तक रुपया 86 प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच सकता है। अब अगर यह 86.50 प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच जाता है तो हमें बिल्कुल भी हैरानी नहीं होगी ।’

रुपया लगातार सातवें साल डॉलर के मुकाबले कमजोर स्तर पर बंद होने की राह पर है। वर्ष 2024 में रुपये में अब तक 2.7 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। यूरोप में युद्ध के बाद 2022 में रुपये में 10 फीसदी से अधिक की गिरावट आई थी । लेकिन वर्ष 2023 में आरबीआई के दखल के बाद रुपया अपेक्षाकृत स्थिर रहा और इसके स्तर में केवल 0.6 फीसदी की गिरावट आई।

मुद्रा में मौजूदा दबाव रिजर्व बैंक के गवर्नर में बदलाव के साथ हुआ है। संजय मल्होत्रा ने इस महीने की शुरुआत में गवर्नर का पद संभाला है। बाजार प्रतिभागियों का कहना है कि गिरावट रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी तीन बाजारों, हाजिर, ऑफशोर और फॉरवर्ड सेगमेंट में डॉलर की बिक्री के जरिये हस्तक्षेप किया।

एक ब्रोकिंग कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘आरबीआई ने शुक्रवार को करीब 2.5 अरब डॉलर बेचे होंगे। केंद्रीय बैंक सुबह से ही एनडीएफ बाजार में रुपये का बचाव कर रहा था। बाद में वह हाजिर बाजार में भी सक्रिय हुआ।’ विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई का ज्यादा हस्तक्षेप उलटा भी पड़ सकता है।

First Published : December 27, 2024 | 11:21 PM IST