अर्थव्यवस्था

Retail Inflation: खुदरा महंगाई 2024-25 में 4.5% रहने का अनुमान, डिप्टी गवर्नर पात्रा ने बताई RBI के सामने क्या चुनौतियां

डिप्टी गवर्नर ने कहा कि मौद्रिक नीति तैयार करते समय जोखिमों के संतुलन का मूल्यांकन करना अच्छा ‘हाउसकीपिंग’ माना जाता है।

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भाषा   
Last Updated- October 15, 2024 | 6:38 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा ने कहा है कि खुदरा मुद्रास्फीति 2024-25 में औसतन 4.5 प्रतिशत रहने और 2025-26 में इसके लक्ष्य के अनुरूप होने का अनुमान है।

सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रहे। पिछले तीन महीनों में मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से नीचे रही है।

पात्रा ने कहा कि 2025-26 में स्थायी रूप से लक्ष्य के अनुरूप रहने से पहले 2024-25 में खुदरा मुद्रास्फीति औसतन 4.5 प्रतिशत के करीब रह सकती है।

भारतीय रिजर्व बैंक के 90वें वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित उच्च स्तरीय सम्मेलन में पात्रा ने कहा कि खाद्य और ईंधन की कीमतों में बार-बार झटकों ने मौद्रिक नीति के संचालन को चुनौती दी है।

पात्रा ने कहा कि भारत में मूल्य स्थिरता एक साझा जिम्मेदारी है, जिसके तहत सरकार लक्ष्य तय करती है और केंद्रीय बैंक इसे हासिल करता है। उन्होंने कहा कि इससे वित्तीय स्थिरता, राजकोषीय मजबूती या वृद्धि के लिए जोखिम पैदा किए बिना मौद्रिक-राजकोषीय समन्वय की अनुमति मिलती है।

पात्रा ने यह भी कहा कि आने वाले वर्षों में, मुद्रास्फीति को लक्ष्य के अनुरूप रखने पर आधारित मौद्रिक नीति को लेकर और भी बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

केंद्रीय बैंकों के समक्ष जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न समस्याओं को लेकर चुनौतियां हैं। इससे खाद्यान्न और ऊर्जा की कमी और उत्पादक क्षमता में गिरावट जैसे आपूर्ति झटके की आशंका है। ऐसी स्थिति में केंद्रीय बैंकों को अपने लक्ष्यों को हासिल करने को लेकर बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।

डिप्टी गवर्नर ने कहा कि मौद्रिक नीति तैयार करते समय जोखिमों के संतुलन का मूल्यांकन करना अच्छा ‘हाउसकीपिंग’ माना जाता है।

उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में विभिन्न नीतियों के बीच तालमेल का फायदा उठाते हुए, मुद्रास्फीति को लक्ष्य के अनुरूप रखने को लेकर भविष्य की नीति रूपरेखा को अधिक मजबूत बनाने की जरूरत है।

First Published : October 15, 2024 | 6:38 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)