अर्थव्यवस्था

डिजिटल बाजार के लिए कानून पर रिपोर्ट जल्द

कानून बनाने के लिए गठित पैनल की पहली बैठक 22 फरवरी को हुई थी

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रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- July 03, 2023 | 10:33 PM IST

डिजिटल प्रतिस्पर्धा कानून समिति (DCLC) डिजिटल बाजारों में प्रतिस्पर्धा के लिए एक अलग कानून की आवश्यकता से जुड़ी अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। समिति का कार्यकाल 5 जुलाई को समाप्त हो रहा है।

सरकार के सूत्रों के मुताबिक अगर अगले दो दिनों में रिपोर्ट को अंतिम रूप नहीं दिया जाता है तब समिति के कार्यकाल में तीसरा विस्तार हो सकता है। समिति का गठन इस साल फरवरी में तीन महीने के मूल जनादेश के साथ किया गया था और तब से इसे एक-एक महीने का दो बार विस्तार दिया गया है।

कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के सचिव मनोज गोविल की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा बड़ी तकनीकी कंपनियों के लिए प्रत्याशित नियमों की आवश्यकता पर अपना रुख पेश करने की उम्मीद है। डिजिटल प्रतिस्पर्धा कानून की रूपरेखा पर हितधारकों की चर्चा मार्च में खत्म हुई थी।

डिजिटल प्रतिस्पर्धा कानून को लेकर यह चर्चा ऐसे समय में हो रही है जब गूगल, ऐपल, फेसबुक, एमेजॉन और अन्य कंपनियों पर उपयोगकर्ताओं के डेटा के एक बड़े हिस्से का इस्तेमाल कर अपनी बाजार की स्थिति का दुरुपयोग करने के आरोप हैं। इस साल की शुरुआत में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने दो मामलों में गूगल पर क्रमश: 936.44 करोड़ रुपये और 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।

भारत के उच्चतम न्यायालय ने व्हाट्सऐप की गोपनीयता नीति अपडेट से जुड़ी सीसीआई की जांच को भी हरी झंडी दिखाई थी जो उन आरोपों से जुड़ी थी कि यह अपनी मूल कंपनी फेसबुक के विज्ञापन कारोबार के साथ उपयोगकर्ता डेटा साझा करता है।

कानून बनाने के लिए गठित पैनल की पहली बैठक 22 फरवरी को हुई थी। समिति में अध्यक्ष, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग, सौरभ श्रीवास्तव, अध्यक्ष, इंडियन ऐंजल नेटवर्क और उद्योग निकाय नैसकॉम के सह-संस्थापक शामिल थे।

पैनल में शामिल लॉ फर्मों में खेतान ऐंड कंपनी के हैग्रेव खेतान, शार्दूल अमरचंद मंगलदास ऐंड कंपनी की पल्लवी शार्दुल श्रॉफ, पीऐंडए लॉ ऑफिस के आनंद पाठक, एक्सियॉम 5 लॉ चैंबर के राहुल राय शामिल हैं। वित्त पर आधारित एक संसदीय समिति ने दिसंबर 2022 में पेश अपनी रिपोर्ट में डिजिटल प्रतिस्पर्धा कानून की आवश्यकता का सुझाव दिया था।

घरेलू स्टार्टअप और समाचार प्रकाशकों ने 4 मार्च को डिजिटल प्रतिस्पर्धा अधिनियम की आवश्यकता पर अपने विचार साझा करते हुए प्रेजेंटेशन दिया था। गूगल, एमेजॉन, मेटा, ऐपल, ट्विटर और नेटफ्लिक्स के प्रतिनिधियों ने जोमैटो, ओयो, स्विगी, पेटीएम, मेकमाईट्रिप और फ्लिपकार्ट सहित विभिन्न घरेलू कंपनियों के साथ हितधारकों की चर्चा में हिस्सा लिया था।

कई स्टार्टअप और समाचार प्रकाशकों ने पहले समिति में उन्हें शामिल नहीं किए जाने का मुद्दा उठाया था और कहा था कि पैनल में कॉरपोरेट वकीलों का वर्चस्व है, जिनमें से कई बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके बाद, कई घरेलू स्टार्टअप और समाचार प्रकाशकों को पैनल के साथ अपने विचार साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया था।

डिजिटल प्रतिस्पर्धा कानून के अलावा, सीसीआई ई-कॉमर्स मंच और डिजिटल अर्थव्यवस्था कंपनियों के मॉडल को समझने के लिए एक डिजिटल बाजार इकाई भी बना रहा है। इसके जरिये यह सुनिश्चित करना है कि प्रतिस्पर्धा विरोधी कदमों का पता चल जाए।

First Published : July 3, 2023 | 10:33 PM IST