आरबीआई कसेगा और शिकंजा

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 2:01 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को कहा कि तेल और खाद्य उत्पादों की कीमत में बढ़ोतरी के कारण मुद्रास्फीति का दबाव बना हुआ है और आगे भी इसकी आशंका बनी हुई है।


ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि शीर्ष बैंक की ओर से मौद्रिक नीति को और कठोर किया जा सकता है। आरबीआई 29 जुलाई, यानी मंगलवार को मौद्रिक नीति की समीक्षा पेश करने जा रहा है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए मैक्रो और मौद्रिक घटनाक्रम पर अपनी समीक्षा में कहा कि तेल और ऊर्जा के अंतरराष्ट्रीय दामों से मुद्रास्फीतिकारी दबाव कुछ और समय के लिए बने रहने की उम्मीद है।

आरबीआई ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल के दामों में उछाल बना हुआ है और आगे भी इसमें तेजी बने रहने की आशंका है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि मांग और आपूर्ति के बीच अंतर बना हुआ है। रिजर्व बैंक ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में सरकार की ओर से हाल ही में की गई बढ़ोतरी कच्चे तेल के बढ़ रहे दामों को देखते हुए पर्याप्त नहीं है। रिजर्व बैंक ने कहा है कि इससे पता चलता है कि प्रशासनिक नियंत्रण वाले पेट्रोलियम उत्पादों के मामले में पूरा बोझ डालने की प्रक्रिया अभी भी अधूरी है।

29 जुलाई को होगी मौद्रिक नीति की समीक्षा
शीर्ष बैंक ने कहा, मुद्रास्फीति का बना हुआ है दबाव
कच्चे तेल की कीमतों में उछाल से बिगड़ सकती है स्थिति

First Published : July 29, 2008 | 12:51 AM IST