वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक 8 उद्योगों वाले प्रमुख क्षेत्रों का उत्पादन जून महीने में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 8.9 प्रतिशत बढ़ा है। इस पर कम आधार का असर बरकरार है।
बहरहाल अप्रैल और मई की तुलना में जून में कम आधार का असर उल्लेखनीय रूप से घटा है, जब वृद्धि क्रमश: 60.9 प्रतिशत और 16.3 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
कोरोनावायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण जून, 2020 में प्रमुख क्षेत्र का उत्पादन 12.4 प्रतिशत संकुचित हो गया था। पिछले महीने की तुलना में देखें तो प्रमुख क्षेत्र का उत्पादन, जिसे आठ प्रमुख उद्योगों (आईसीआई) के आधार पर दर्ज किया जाता है, 1.1 प्रतिशत बढ़ा है, जब देश के कई राज्यों ने तेजी से अनलॉक की प्रकिया शुरू की है। राज्यों ने कोरोना की दूसरी लहर पर लगाम लगाने के लिए स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लगाया था। इसके अलावा आईसीआई अप्रैल के स्तर के बाद से लगातार कम बना हुआ है।
इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘जून, 2021 में जहां प्रमुख सूचकांक बढ़ा है, यह अप्रैल, 2021 के स्तर से नीचे बना हुआ है। खासकर सीमेंट, बिजली और पेट्रोलियम उत्पादों की वजह से ऐसा हुआ है, जहां रिकवरी पूरी नहीं हुई है। कमोवेश जून, 2021 में प्रमुख क्षेत्र का सूचकांक जून, 2019 के कोविड के पहले की तुलना में 4.7 प्रतिशत कम है। इस पर उर्वरक और प्राकृतिक गैस को छोड़कर सभी क्षेत्रों का असर है।’
आंकड़ों से पता चलता है कि एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में अप्रैल-जून के दौरान प्रमुख क्षेत्र का उत्पादन 25.3 प्रतिशत बढ़ा है।
नायर ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में कुल मिलाकर देखें तो प्रमुख क्षेत्र ने आधार के असर के कारण सालाना आधार पर 25 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की है, जबकि यह कोविड के पहले की वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही की तुलना में 4.5 प्रतिशत कम बनी हुई है। इस पर कोविड-19 की दूसरी लहर का आर्थिक गतिविधियों पर पड़ा असर साफ नजर आ रहा है।’
आठ क्षेत्रों- कोयला, स्टील, सीमेंट, उर्वरक, बिजली, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद और कच्चे तेल की हिस्सेदारी भारत के कुल औद्योगिक उत्पादन में पांच में से दूसरा हिस्सा है। इन 8 क्षेत्रों में कच्चे तेल को छोड़कर सभी क्षेत्रों में जून महीने में धनात्मक वृद्धि हुई है।
कोयला, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी, उर्वरक, स्टील, बिजली और सीमेंट क्षेत्र में जून में पिछले साल के समान महीने की तुलना में क्रमश: 7.4 प्रतिशत, 20.6 प्रतिशत, 2 प्रतिशत, 25 प्रतिशत, 7.2 प्रतिशत, 4.2 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है। कच्चे तेल का उत्पादन पिछले साल की तुलना में 1.8 प्रतिशत कम हुआ है।
केयर रेटिंग में मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘स्टील क्षेत्र में 25 प्रतिशत और सीमेंट क्षेत्र में 4.3 प्रतिशत की वृद्धि को सरकार के पूंजीगत व्यय के राजकोषीय आंकड़ों से जोड़ा जा सकता है, जो इस साल के बजट के आंकड़ों के अनुपात में थोड़ा कम है।’