अर्थव्यवस्था

बारिश में आपूर्ति प्रभावित होने से सब्जियों की कीमतों में उफान, 350% चढ़े धनिया के दाम

मंडी में फसलों की ज्यादातर खरीद और बिक्री खुले आसमान के नीचे होती है और मंडियों में कुछ ही स्थानों पर सब्जियों की खरीद फरोख्त ढके हुए स्थान के नीचे होती है।

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संजीब मुखर्जी   
Last Updated- September 09, 2024 | 8:35 AM IST

अगस्त और सितंबर में ज्यादा बारिश होने के कारण प्रमुख शहरों में सब्जियों की आपूर्ति बाधित हुई और इसके दाम भी बढ़ चुके हैं। हरी सब्जियों में सबसे ज्यादा दाम धनिया के बढ़े हैं।

दिल्ली में बीते एक महीने के दौरान धनिया के दाम 350 प्रतिशत बढ़ गए हैं। मुंबई में पालक के दाम 100 प्रतिशत बढ़े हैं। सब्जियों की आपूर्ति बाधित होने का बाजारों पर अलग- अलग प्रभाव पड़ता है। इसका कारण यह है कि कई सब्जियों का उत्पादन स्थानीय स्तर पर होता है और वे जल्दी खराब हो जाती हैं।

मूसलाधार बारिश का असर मंडियों के कारोबार पर भी पड़ता है। मंडी में फसलों की ज्यादातर खरीद और बिक्री खुले आसमान के नीचे होती है और मंडियों में कुछ ही स्थानों पर सब्जियों की खरीद फरोख्त ढके हुए स्थान के नीचे होती है। अगले कुछ महीनों के दौरान बारिश प्रमुख फसल उत्पादक क्षेत्रों में जारी रहती है तो दाम बढ़ने से स्थिति और खराब भी हो सकती है।

केंद्र सरकार ने देश भर में नेफेड और एनसीसीएफ के जरिये सस्ते में प्याज की बिक्री शुरू कर दी है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपाई) की आधार मुद्रास्फीति जुलाई 2024 में सुस्त होकर 5.06 प्रतिशत हो गई थी जबकि यह जून में 8.36 प्रतिशत थी।

बहरहाल, अगस्त और सितंबर में सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं। हालांकि यह देखना बाकी है कि बढ़े हुए दाम कब तक आम आदमी की जेब पर अत्यधिक भारी नहीं पड़ते हैं।

महंगाई में और उछाल आने की स्थिति में आरबीआई की स्थिति अधिक मुश्किल हो सकती है। दरअसल, आरबीआई अच्छी बारिश से खाने की वस्तुओं के दाम सुस्त होने की आस लगा रहा है। इस सप्ताह की समाप्ति यानि 4 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में दक्षिण पश्चिम मॉनसून सामान्य से 25 प्रतिशत अधिक रहा था।

हालांकि 1 जून से शुरू हुए 2024 के मॉनसून सीजन में बारिश 8 प्रतिशत अधिक हुई है। सब्जियों के दामों को लेकर सरकार खासी सावधानी बरतती है क्योंकि यह आम लोगों से जुडा मामला है।

First Published : September 9, 2024 | 8:29 AM IST