अर्थव्यवस्था

PM Internship Scheme: आरक्षण नीति के साथ 1.25 लाख युवाओं को मिलेगा प्रशिक्षण, कंपनियों में खाली पदों के लिए 2 दिसंबर से इंटर्नशिप शुरू

कंपनी मामलों का मंत्रालय इन प्रशिक्षुओं को 6,000 रुपये प्रत्यक्ष नकदी अंतरण करेगा और उन्हें पीएम जीवन ज्योति बीमा और पीएम सुरक्षा योजना का लाभ मिलेगा।

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रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- October 03, 2024 | 10:07 PM IST

कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को प्रायोगिक आधार पर शुरू की गई प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत इंटर्नशिप के पदों पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों और दिव्यांगों को मिलने वाले आरक्षण की नीति लागू की जाएगी। इस योजना के तहत 21 साल से 24 साल की उम्र के 1,25,000 युवाओं को वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान इंटर्नशिप कराने का लक्ष्य रखा गया है और इसके लिए 800 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘हम सुनिश्चित करेंगे कि योजना को लागू किए जाने में आरक्षण के नियमों का पालन किया जाए। यह एक प्रायोगिक परियोजना है, जो आगे चलकर सीख लेने और आगे की योजना को बेहतर बनाने में मदद करेगी।’ प्रायोगिक परियोजना के लिए कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के पास मौजूद संसाधनों से धन मुहैया कराया जाएगा। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘जब पूरी परियोजना शुरू की जाएगी तो इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी की जरूरत होगी।’

इंटर्नशिप पोर्टल का प्रबंधन भास्कराचार्य इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस ऐप्लीकेशंस ऐंड जियोइन्फॉर्मेटिक्स (बीआईएसएजी) करेगी, जो गुजरात सरकार की राष्ट्रीय एजेंसी है। पिछले 3 वर्षों के औसत कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) पर खर्च के आधार पर शीर्ष 500 कंपनियां इस योजना में भाग ले रही हैं। ये कंपनियां अपने फॉरवर्ड और बैकवर्ड वैल्यू चेन में आपूर्तिकर्ताओं, ग्राहकों, वेंडरों जैसी इकाइयों के साथ समझौता भी कर सकती हैं। वे इस योजना को स्वैच्छिक आधार पर अपना सकती हैं। कंपनी मामलों के मंत्रालय की मंजूरी मिलने पर अन्य कंपनियां भी इस योजना में हिस्सा ले सकती हैं।

10 अक्टूबर तक कंपनियां अपने यहां प्रशिक्षुओं के लिए खाली जगह के बारे में इंटर्नशिप पोर्टल पर सूचनाएं दे सकेंगी। कंपनी मामलों का मंत्रालय 12 अक्टूबर को अभ्यर्थियों के लिए पोर्टल खोल देगा और इंटर्नशिप के लिए इच्छुक लोग 25 अक्टूबर तक आवेदन कर सकेंगे। इसके बाद आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके अभ्यर्थियों की सूची तैयार की जाएगी और उसे कंपनियों के साथ साझा किया जाएगा। कंपनियां 27 अक्टूबर से 7 नवंबर के बीच अभ्यर्थियों का चयन करेंगी।

उसके बाद अभ्यर्थियों को एक सप्ताह का वक्त दिया जाएगा और वे 8 नवंबर से 15 नवंबर के बीच इंटर्नशिप की पेशकश स्वीकार या खारिज कर सकेंगे। पेशकश खारिज करने वाले अभ्यर्थियों को दूसरी पेशकश की जा सकती है।

वास्तविक इंटर्नशिप 2 दिसंबर से शुरू होगी। अब तक कंपनी मामलों के मंत्रालय ने 111 कंपनियों को इसमें शामिल किया है, जिसमें कृषि एवं संबंधित गतिविधियों, ऑटोमोटिव, फार्मा सहित विभिन्न क्षेत्रों की कंपनियां शामिल हैं।

उन्हें इस योजना की बारीकियों के बारे में बताया गया है। इस योजना के तहत पंजीकरण कराने वाली कंपनियों में एलेंबिक फार्मा, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा और मैक्स लाइफ इंश्योरेंस शामिल हैं। मंत्रालय ने कुछ क्षेत्रीय भाषाओं के कॉल सेंटर भी शुरू किए हैं, जिससे कि युवाओं को योजना के बारे में सूचना मिल सके। अब तक इस सेंटर पर कॉल करने वालों में 44 प्रतिशत स्नातक, 13 प्रतिशत स्नातकोत्तर, 11 प्रतिशत 12वीं पास, 3 प्रतिशत डिप्लोमा के साथ 12वीं पास, 3 प्रतिशत 10वीं पास और 1 प्रतिशत कक्षा 8 पास थे। बाकी विविध श्रेणी में थे।

इंटर्नशिप के लिए अभ्यर्थियों की पात्रता के मानदंड में हाई स्कूल, हायर सेकंडरी स्कूल, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान से प्रमाणपत्र, पॉलिटेक्निक से डिप्लोमा या स्नातक योग्यता शामिल है। अभ्यर्थी के लिए भारत का नागरिक होना अनिवार्य है, जिसे पूरी तरह रोजगार न मिला हो और पूर्णकालिक शिक्षा प्राप्त करने में लगा हो। ऑनलाइन या दूरस्थ शिक्षा से पढ़ाई करनेवाले भी आवेदन करने के पात्र होंगे। अभ्यर्थी अपने तरजीही सेक्टर, भूमिका और कार्यस्थल के आधार पर 5 अवसरों तक के लिए आवेदन कर सकेंगे।

कंपनी मामलों का मंत्रालय इन प्रशिक्षुओं को 6,000 रुपये प्रत्यक्ष नकदी अंतरण करेगा और उन्हें पीएम जीवन ज्योति बीमा और पीएम सुरक्षा योजना का लाभ मिलेगा। प्रशिक्षुओं को 5,000 रुपये प्रति माह वित्तीय सहायता मिलेगी, जिसमें से 4,500 रुपये सरकार देगी और 500 रुपये कंपनी अपने सीएसआर फंड से देगी। अगर कंपनी चाहे तो अपने धन से 500 रुपये से ज्यादा भुगतान कर सकती है।

इंटर्नशिप योजना की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 23 जुलाई के बजट भाषण में की थी, जो रोजगार पर बल देने की सरकार की योजना का हिस्सा है।

अभ्यर्थियों के चयन में उन लोगों को बाहर करना शामिल होगा जो आवेदन करने के लिए अयोग्य हैं, जैसे चार्टर्ड अकाउंटेंट, प्रमाणित प्रबंधन लेखाकार, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) या भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) से डिग्री प्राप्त लोग।

अगर आवेदन करने वाले अभ्यर्थी के परिवार की सालाना आमदनी वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 8 लाख रुपये से ऊपर होगी या उसके परिवार में सरकारी कर्मचारी होगा तो उसे आवेदन का पात्र नहीं माना जाएगा।

इंटर्नशिप योजना के तहत सरकार ने भारत की शीर्ष कंपनियों में अगले 5 साल के दौरान एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण देने की योजना बनाई है। युवाओं को कारोबारी माहौल में 12 महीने तक विभिन्न व्यवसाय और रोजगार का अनुभव का लाभ मिलेगा।

First Published : October 3, 2024 | 10:07 PM IST