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प्राथमिक क्षेत्र को कर्ज आवंटन पर नए दिशानिर्देश

Last Updated- December 15, 2022 | 2:33 AM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने प्राथमिक क्षेत्रों के लिए कर्ज आवंटन के संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसके तहत केंद्रीय बैंक ने लघु एवं सीमांत किसानों के लिए कर्ज का हिस्सा बैंकों के कुल ऋण खाते में मौजूदा 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। आरबीआई ने बैंकों को अक्षय ऊर्जा और स्वास्थ्य क्षेत्रों के लिए कर्ज आवंटन बढ़ाकर दोगुना करने का निर्देश दिए हैं और उन जिलों या क्षेत्रों को अधिक तवज्जो देने के लिए कहा है, जहां पर्याप्त मात्रा में ऋण आवंटित नहीं हो पाता है। इससे इन क्षेत्रों को अब बैंक अधिक ऋण आवंटित कर पाएंगे। 6 अगस्त को मौद्रिक नीति समीक्षा में आरबीआई ने प्राथमिक क्षेत्र के लिए दिशानिर्देशों एवं भारांश में बदलाव करने की बात कही थी।

आरबीआई ने प्राथमिक क्षेत्र को उधारी पर अपने प्रमुख परिपत्र में कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 से उन चिह्नित जिलों में प्राथमिक क्षेत्र को ऋण आवंटन के लिए अधिक प्राथमिकता दी जाएगी, जहां कर्ज आवंटन अपेक्षाकृत कम होता है। कम आवंटित कर्ज की भरपाई के लिए उन चिह्न जिलों में प्राथमिक क्षेत्र के लिए तवज्जो थोड़ी कम कर दी जाएगी,  जहां कर्ज आवंटन प्रति व्यक्ति 25,000 करोड़ रुपये रहता है।

आरबीआई ने एक नई श्रेणी को प्राथमिक क्षेत्र में रखा है। इसके तहत अब स्टार्टअप इकाइयों के लिए 50 करोड़ रुपये तक के कर्ज, किसानों को सौर ऊर्जा संयंत्रों और कंप्रेस्ड बायो गैस संयंत्रों की स्थापना के लिए आवंटित कर्ज प्राथमिक क्षेत्र के तहत लाए गए हैं। केंद्रीय बैंक ने लघु एवं सीमांत किसानों और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए चरणबद्ध तरीके से ऋण आवंटन भी बढ़ा दिया है। अब सूचीबद्ध वाणिज्यिक बैंकों के लिए कमजोर वर्गों के लिए आवंटित कर्ज बैंक ऋण का 12 प्रतिशत होगा। लघु वित्त बैंकों के लिए भी यह मात्रा इतनी ही होगी। 20 से कम शाखाओं वाले विदेशी बैंकों पर ये नियम लागू नहीं होंगे। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए कमजोर वर्गों को अपनी कुल उधारी पोर्टफोलियो का 15 प्रतिशत तक आवंटित करना पहले से ही अनिवार्य है। प्राथमिक क्षेत्र को कर्ज आवंटन पर आरबीआई के नए दिशानिर्देशों से लघु एवं सीमांत किसानों को अधिक कर्ज मिलना चाहिए। ये किसान फिलहाल औपचारिक ऋण प्रणाली में नहीं आते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि इससे किसान-उत्पादक संगठनों एवं कंपनियों को भी ऋण आवंटन मेंं इजाफा होगा। 2015 के बाद पहली बार प्राथमिक क्षेत्र को लेकर दिशानिर्देश में संशोधन हुए हैं। नए दिशानिर्देशों में कहा गया है कि 2020-21 से अगले तीन वर्षों तक बैंकों को कृषि ऋण खंड में बैंकों को लघु एवं सीमांत किसानों को अनिवार्य रूप से 10 प्रतिशत कर्ज आवंटन करना होगा। फिलहाल बैंक कृषि के लिए अपने समायोजित शुद्ध बैंक ऋण का 8 प्रतिशत लघु एवं सीमांत किसानों को देते हैं।

First Published - September 4, 2020 | 11:11 PM IST

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