अर्थव्यवस्था

मोदी सरकार ने आंध्र प्रदेश को दी 60,000 करोड़ रुपये की सौगात, ये कंपनी लगाएगी पैसा; बिहार की मांग पर क्या हुआ

रिफाइनरी की औपचारिक घोषणा 23 जुलाई को पेश होने वाले बजट में होने की संभावना है। इस प्रक्रिया में कम से कम दो महीने लगेंगे और बजट में स्थान की घोषणा नहीं की जा सकती है।

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रत्न शंकर मिश्र   
Last Updated- July 11, 2024 | 10:52 AM IST

Modi Government to Andhra Pradesh: 18वीं लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद सत्ता के गलियारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बिठाने वाले दो प्रमुख दलों में से एक की बात कुछ हद तक मान ली गई है। हाल ही में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे। मुलाकात को महज 5 दिन ही बीते थे और आज खबर आ रही है कि मोदी सरकार ने आंध्र प्रदेश में 60,000 करोड़ रुपये के निवेश के लिए मंजूरी दे दी है। यह खबर ऐसे समय आई है जब NDA के दोनों प्रमुख घटक दल यानी JDU और TDP अपने-अपने प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की कोशिश में हैं।

ऑयल एंड गैस सेक्टर में होगा निवेश

इकनॉमिक टाइम्स (ET) की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश में ऑयल रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल हब बनाने के लिए 60,000 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दे दी है।

गौरतलब है कि कल यानी 10 जुलाई की शाम को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा था, ‘रणनीतिक रूप से देश के पूर्वी तट पर स्थित, हमारे राज्य में महत्वपूर्ण पेट्रोकेमिकल क्षमता है। आज, मैंने चेयरमैन और MD कृष्ण कुमार के नेतृत्व में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। हमने 60-70,000 करोड़ के निवेश के साथ आंध्र प्रदेश में एक तेल रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स की स्थापना की बात की। मैंने 90 दिनों में विस्तृत योजना और रिपोर्ट मांगी है। इस प्रोजेक्ट के लिए लगभग 5,000 एकड़ जमीन की जरूरत होगी, जिसे सरकार परेशानी मुक्त तरीके से पूरा करना चाहती है।’

मिली जमीन?

ET की रिपोर्ट ने जानकार लोगों के हवाले से बताया कि रिफाइनरी के लिए तीन जगहों पर चर्चा हुई। इनमें श्रीकाकुलम, मछलीपट्टनम और रामायपट्टनम शामिल हैं। रिफाइनरी की औपचारिक घोषणा 23 जुलाई को पेश होने वाले बजट में होने की संभावना है। इस प्रक्रिया में कम से कम दो महीने लगेंगे और बजट में स्थान की घोषणा नहीं की जा सकती है।

BPCL निवेश को तैयार

आंध्र प्रदेश के उद्योग मंत्री टीजी भारत (Industries Minister TG Bharat) ने नायडू के साथ चर्चा को लेकर जानकारी देते हुए बताया था कि BPCL के अधिकारियों ने नायडू को बताया कि कंपनी राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश करने के लिए तैयार है और मुख्य रूप से एक तेल रिफाइनरी स्थापित करने के बारे में चर्चा की।

उन्होंने कहा था, ‘BPCL राज्य में 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए तैयार है। शुरुआत में यह 50,000 करोड़ रुपये से 75,000 करोड़ रुपये के बीच निवेश करेगी।’

बिहार के लिए क्या

गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) यानी JDU और चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार को समर्थन देने के एवज में अपने-अपने राज्य के लिए विशेष दर्जा दिए जाने की मांग रखी है।

ऐसे में मोदी सरकार से मिली 60,000 करोड़ रुपये की मंजूरी आंध्र प्रदेश और विशेष रूप से चंद्रबाबू नायडू के लिए बड़ी जीत साबित हुई है। चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई वाली TDP ने साल 2018 में इसलिए NDA सरकार से समर्थन वापस ले लिया था कि बंटवारे के बाद आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया गया था। हालांकि, उस समय भाजपा की बहुमत की सरकार थी, ऐसे में नायडू का जाना मोदी सरकार को उतना नहीं परेशान किया, जितनी बड़ी मुसीबत अगर अब गए तो आ सकती है।

इस बीच NDA के दूसरे घटक दल जदयू भी मोदी सरकार को समर्थन देने के बदले कई तरह की मांगों को पूरा करवाना चाहती है। फरवरी महीने में जब बिहार का विधानसभा में बजट पेश हो रहा था विद्युत मंत्री बिजेंद्र यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करने या कम से कम राज्य को ‘विशेष आर्थिक पैकेज’ प्रदान करने पर विचार करने का आग्रह किया था।

उस दौरान उन्होंने कहा था, ‘मैं इस सदन के माध्यम से प्रधानमंत्री से बिहार को विशेष दर्जा या विशेष आर्थिक पैकेज देने पर विचार करने का अनुरोध करता हूं। हमने अपने सीमित संसाधनों के साथ बहुत कुछ हासिल किया है। बहुत से लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है। लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। राज्य में बिजली क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं क्योंकि ऊर्जा के तीन स्रोत– पानी, हवा और सूर्य की रोशनीयहां प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं।’

क्या है बिहार की मांग

बिहार ने राज्य में 9 हवाई अड्डे, चार मेट्रो लाइन्स, 7 मेडिकल कॉलेज और 20,000 करोड़ रुपये का थर्मल पावर प्लांट लगाने की मांग की है। साथ ही साथ, नीतीश सरकार चाहती है कि 20,000 किलोमीटर की मरम्मत करने के लिए केंद्र से अलग से फंड मिले। हालांकि, नई सरकार बनने के बाद अभी तक मोदी सरकार की तरफ से बिहार के लिए ऐसी किसी योजनाओं का जिक्र नहीं किया गया है। माना जा रहा है कि 23 जुलाई को पेश होने वाले पूर्ण बजट में इन मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।

First Published : July 11, 2024 | 10:52 AM IST