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चमड़ा निर्यात परिषद (सीएलई) के चेयरमैन राजेंद्र कुमार जालाना ने उम्मीद जताई है कि देश का चमड़ा और फुटवियर निर्यात प्रमुख वैश्विक बाजारों में अच्छी मांग के कारण चालू वित्त वर्ष (2024-25) में 12 प्रतिशत बढ़कर 5.3 अरब डॉलर पर पहुंच सकता है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका सहित कई देशों की कंपनियां भारत में विनिर्माण आधार स्थापित करने में गहरी रुचि दिखा रही हैं।
जालान ने कहा, “हमारा निर्यात 2023-24 में 4.69 अरब डॉलर था और चालू वित्त वर्ष में हम इसे बढ़ाकर 5.3 अरब डॉलर करने की उम्मीद कर रहे हैं। आने वाले महीनों के लिए ऑर्डर बुक अच्छी है।” उन्होंने कहा कि ‘अमेरिका और ब्रिटेन से भारी मांग आ रही है।’ जालान ने कहा कि भारतीय निर्यातक अफ्रीका में भी व्यापार के अवसर तलाश रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह उद्योग श्रम प्रधान है, जो करीब 42 लाख लोगों को रोजगार देता है।
इस क्षेत्र का कुल कारोबार करीब 19 अरब डॉलर का है, जिसमें पांच अरब डॉलर का निर्यात है। जालान ने कहा, “इस क्षेत्र में 2030 तक कुल कारोबार 47 अरब डॉलर तक पहुंचने की क्षमता है, जिसमें 25 अरब डॉलर का घरेलू और 13.7 अरब डॉलर का निर्यात कारोबार शामिल है।”
उन्होंने सरकार से यह भी अनुरोध किया कि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को इस क्षेत्र में भी लागू किया जाए क्योंकि इससे 47 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी और लगभग सात से आठ लाख लोगों के लिए अतिरिक्त रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
बजट से अपेक्षाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘परिषद ने वित्त मंत्रालय से तैयार चमड़े पर आयात शुल्क हटाने का अनुरोध किया है।”