राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की तरफ से आज जारी आंकड़ों के मुताबिक औद्योगिक उत्पादन अप्रैल में 134 फीसदी बढ़ा है। हालांकि यह बढ़ोतरी पिछले साल के इसी महीने के निचले आधार पर हुई है। मार्च में औद्योगिक उत्पादन 24.14 फीसदी बढ़ा था।
सीएसओ ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2011-12 के आधार पर अप्रैल 2021 का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) का त्वरित अनुमान 126.6 है।’ हालांकि कोविड की दूसरी लहर के बीच राज्यों द्वारा लगाई गई पाबंदियों के असर की वजह से फैक्टरी उत्पादन में यह उछाल एक आंशिक आंकड़ा है। एनएसओ ने कहा, ‘गौरतलब है कि मार्च, 2020 के आखिर से कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए लागू किए गए देशव्यापी लॉकडाउन एवं अन्य उपायों से अप्रैल 2020 में ज्यादा कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे और इसके नतीजतन बहुत सी इकाइयों का उत्पादन ‘शून्य’ रहा। इससे अप्रैल 2020 और अप्रैल 2021 के महीनों के सूचकांकों की तुलना प्रभावित हुई है।’ औद्योगिक उत्पादन अप्रैल 2020 में 57.3 फीसदी गिरा था।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इस साल अप्रैल के महीने के आईआईपी की 2019 के इसी महीने से तुलना करते हैं तो यह सपाट रहा है। इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘देशव्यापी लॉकडाउन के निम्न आधार ने अनुमान के अनुरूप ही अप्रैल 2021 में आईआईपी वृद्धि को 134 फीसदी बढ़ा दिया। अप्रैल 2020 में लॉकडाउन के चलते तुलना संभव नहीं होने की समस्या है, इसलिए हमारा मानना है कि अप्रैल 2021 की वृद्धि का अप्रैल 2019 से तुलना करने पर विभिन्न क्षेत्रों की स्थितियों का स्पष्ट संकेत मिलेगा।’
एनएसओ ने कहा कि स्रोत एजेंसियों से अद्यतन आंकड़े प्राप्त होने से अप्रैल 2021 के आईआईपी के त्वरित अनुमानों के अलावा मार्च 2021 के सूचकांकों में पहला संशोधन और जनवरी 2021 के सूचकांकों मे अंतिम संशोधन किया गया है। इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च में मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र पंत ने कहा, ‘अप्रैल 2021 के आईआईपी आंकड़ों की अप्रैल 2019 से तुलना करने पर पता चलता है कि औद्योगिक उत्पादन ने मार्च, 2021 में जो बढ़त हासिल की थी, वह अप्रैल 2021 में छिन गई है। इसके अलावा हम आईआईपी आंकड़ों को किसी भी तरह देखें, अप्रैल 2021 का औद्योगिक उत्पादन कोई उत्साहजनक तस्वीर नहीं दिखाता है।’