भारत से विभिन्न देशों की तुलना में चीन को निर्यात तेजी से घटा है। चीन में व्यापक आर्थिक सुस्ती के कारण भारत से होने वाला निर्यात प्रभावित हुआ है। वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार भारत से चीन को निर्यात अगस्त में 22.4 फीसदी गिरकर एक अरब डॉलर हो गया जबकि इस अवधि में देश का कुल निर्यात 9 फीसदी गिरकर 34.7 अरब डॉलर रह गया। भारत के लिए निर्यात का चीन पांचवां सबसे बड़ा बाजार है।
दूसरी तरफ, आयात के मामले में चीन पर निर्भरता कायम रही। भारत का सबसे बड़ा आयात साझेदार चीन ही रहा। आंकड़ों के अनुसार चीन से आयात सालाना आधार पर 15.5 फीसदी बढ़कर 10.8 अरब डॉलर हो गया। हालांकि अगस्त का विस्तृत आंकड़ा तत्काल उपलब्ध नहीं था लेकिन बीते महीनों के रुझानों से जानकारी मिलती है कि चीन को निर्यात के मामले में लौह अयस्क, समुद्री उत्पादों, तांबा, खाद्य उत्पादों आदि का ही दबदबा था।
वाणिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल ने मंगलवार को बताया कि मांग कम आने के अलावा भूराजनीतिक व लॉजिस्टिक्स संबंधित चुनौतियों के अलावा चीन में भारी आर्थिक सुस्ती का भी वस्तु निर्यात पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। इससे पेट्रोलियम के दाम भी काफी कम हुए हैं। जहां तक चीन से आयात का संबंध है तो वहां से सबसे ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक कल पुर्जे, औद्योगिक मशीनरी, आईटी हार्डवेयर, ऑर्गेनिक रसायन और अन्य सामान मंगाए जाते हैं।
अगस्त में निर्यात के शीर्ष के 10 गंतव्यों में से छह में गिरावट आई। इनमें अमेरिका (6.29 फीसदी), संयुक्त अरब अमीरात (2.39 फीसदी), चीन (22.44 फीसदी), सिंगापुर (-39.25 फीसदी), बांग्लादेश (27.85 फीसदी) और ऑस्ट्रेलिया (-24.05 फीसदी) शामिल हैं।
अगस्त में भारत से हुए कुल निर्यात में इन शीर्ष 10 देशों की हिस्सेदारी 68 फीसदी थी। भारत के निर्यात का सबसे बड़ा बाजार अमेरिका बना रहा। इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), नीदरलैंड और यूनाइटेड किंगडम (यूके) थे। भारत के शीर्ष 10 आयात साझेदार चीन, रूस, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका, इराक, सऊदी अरब, इंडानेशिया, स्विट्जरलैंड, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर हैं। अगस्त में इन देशों के अलावा शेष देशों से आयात बढ़ा है।
इन शीर्ष देशों से भारत मुख्य तौर पर कच्चे तेल के आयात के लिए निर्भर है। इसलिए आयात में कमी मुख्य तौर पर पेट्रोलियम के दामों में गिरावट के कारण आई थी। अगस्त में भारत का कुल आयात सालाना आधार पर 3 फीसदी बढ़कर 64.3 अरब डॉलर हो गया। इस महीने में सोने का आयात दोगुना होने के कारण अधिक आयात हुआ। इसका परिणाम यह हुआ कि स्विट्जरलैंड से आयात 80 फीसदी बढ़कर 3.9 अरब डॉलर हो गया, जहां से प्रमुख तौर पर सोने का आयात होता है।