सभी प्रकार के मझोले होटलों ने तेजी से विस्तार की योजना बनाई है। ऐसे होटल देश भर में कमरों के भरने की दर और औसत दैनिक दर में सुधार से उत्साहित हैं, इसलिए वे रिकॉर्ड तेजी के साथ होटलों के सौदे कर रहे हैं।
अकेले होटलों के मालिकों को महामारी के दौरान जूझना पड़ा था, इसलिए उपर्युक्त विस्तार का एक बड़ा हिस्सा रूपांतरण के जरिये हो रहा है। इसके तहत गैर-ब्रांडेड, एकल होटल स्थापित होटल श्रृंखलाओं का हिस्सा बन रहे हैं क्योंकि बड़ी होटल श्रृंखलाएं उन्हें बेहतर वितरण, स्तरीय सेवा गुणवत्ता और अन्य केंद्रीकृत संसाधनों में मदद करती हैं।
नियोसिस कैपिटल ऐंड एडवाइजर्स के सीईओ नंदीवर्धन जैन ने कहा कि ब्रांडेड मझोले आकार के होटल कारोबार में तगड़ी बढ़ोतरी का फायदा लेने के लिए बेहतर स्थिति में हैं। जैन ने कहा, ‘पिछली दो तिमाहियों के दौरान हमने मझोले क्षेत्र में 28 होटलों के सौदे किए हैं और आगामी तिमाहियों में 30 और होटलों के सौदे करेंगे।’ उन्होंने कहा कि कुल सौदों में करीब 70 फीसदी हिस्सा रूपांतरण का है।
आईटीसी होटल समूह के फॉर्च्यून का ही उदाहरण लें। यह मझोले आकार का होटल ब्रांड चालू वित्त वर्ष के अगले सात महीनों के दौरान हर महीने एक नए होटल का सौदा करेगा। हर होटल में 75 से 80 कमरे होंगे।
फॉर्च्यून होटल्स के प्रबंध निदेशक समीर एम सी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘बीते 20 साल में यह पहला ऐसा वर्ष होगा, जिसमें हम सबसे अधिक होटल खोलेंगे।’
इस बढ़ोतरी से फॉर्च्यून होटल्स के पोर्टफोलियो का आकार बढ़कर 50 हो जाएगा। इस समय फॉर्च्यून के 34 शहरों में 40 होटल हैं। इस विस्तार में से आधा रूपांतरण से जरिये होगा। यह विस्तार फॉर्च्यून को घूमने-फिरने और कारोबार की नई जगहों पर पहुंचा देगा।
फॉर्च्यून की औसत कमरा दर महामारी से पहले के वर्षों के मुकाबले 20 फीसदी ऊपर पहुंच गई है। उन्होंने कहा, ‘यह वर्ष उद्योग के लिए बहुत सकारात्मक है। सुधार अनुमान से काफी तेज रहा है।’
इंटरग्लोब होटल्स के अध्यक्ष एवं सीईओ जे बी सिंह ने कहा कि मझोले होटलों को मझोले एवं छोटे शहरों में बेहतर पैठ का फायदा मिल रहा है। महामारी के बाद के वर्ष में बेहतर सड़क एवं रेल संपर्क की वजह से मझोले एवं छोटे बाजारों पर जोर बढ़ा है। इंटरग्लोब होटल्स आईबीआईएस होटल श्रृंखला की मालिक और परिचालक है। इंटरग्लोब होटल्स इंटरग्लोब एंटरप्राइजेज एवं एक्कोर एशिया पैसिफिक का संयुक्त उद्यम है।
सिंह ने कहा, ‘हमारी औसत कमरा दर कोविड से पहले के मुकाबले 20 फीसदी से अधिक है।’ उन्होंने कहा कि सरकार के भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ाने पर ध्यान देने और दबी हुई तगड़ी मांग आने से आतिथ्य क्षेत्र तेजी से वृद्धि कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘मेरा यह कहना नहीं है कि ऐसी उच्च वृद्धि जारी रहेगी, लेकिन आगे रुझान मजबूत बने रहने की संभावना है।’
आईबीआईएस नए होटलों के जरिये 350 से 400 कमरे बढ़ाएगी। यह बेंगलूरु के हेब्बल और मुंबई के ठाणे में नए होटल खोलेगी। ज्यादातर होटल प्रबंधन अनुबंध मॉडल अपनाते हैं। इससे इतर आईबीआईएस संपत्तियां खुद ही बनाती और प्रबंधित करती है।
मझोले क्षेत्र में एक अन्य प्रमुख ब्रांड लेमन ट्री होटल्स की निवेशक प्रस्तुति के मुताबिक कंपनी इस वित्त वर्ष के आखिर तक धर्मशाला, मसूरी, गुरुग्राम जैसी कुछ जगहों पर अपने ब्रांडों के तहत करीब 374 कमरे बढ़ाएगी।
इसी तरह इंडियन होटल कंपनी में इस आतिथ्य श्रृंखला के ‘लीन लक्सी ब्रांड’ जिंजर विस्तार की अगुआई कर रहा है और वह ऐसा अगले आने वाले वर्षों में करेगा। आईएचसीएल ने 2025-26 तक 300 से अधिक होटलों के पोर्टफोलियो की योजना बनाई है, जिसमें जिंजर 125 होटलों का योगदान देगा। इस समय जिंजर के देश भर में 85 होटल हैं।