अर्थव्यवस्था

निजी निवेश में तेजी, ऊर्जा और इन्फ्रास्ट्रक्चर में बड़े निवेश की योजना

Private Investment : रिलायंस, अदाणी, टाटा पावर ने अगले दशक में ऊर्जा क्षेत्र में बड़े निवेश की योजना बनाई है

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को पेश किए गए अंतरिम बजट में कहा था, ‘निजी निवेश तेज गति से हो रहा है।’ बड़े आकार का निवेश उद्योग के बड़े व्यावसायिक घरानों – मुकेश अंबानी, गौतम अदाणी, सज्जन जिंदल और लक्ष्मी मित्तल से लेकर टाटा समूह द्वारा किया जा रहा है।

इनमें से कुछ घोषणाएं मध्यावधि और कुछ अल्पावधि के लिए हैं। लेकिन उद्योग के कुछ जानकारों का मानना है कि निजी पूंजीगत खर्च में सुधार का अभी व्यापक रुझान नहीं दिखा है।

केयरएज की वरिष्ठ निदेशक राजश्री मुरकुटे के अनुसार, भारत में निजी पूंजीगत व्यय केंद्र और राज्य केंद्रित खर्च के मुकाबले वित्त वर्ष 2024 में सुस्त रहा। हालांकि मुरकुटे को वित्त वर्ष 2025 में इसमें बदलाव आने की उम्मीद है।

ऊर्जा क्षेत्र में तेजी आ रही है और बड़े निवेश किए जा रहे हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने ऊर्जा तंत्र में 10 अरब डॉलर तक का निवेश करने की योजना बनाई है। अदाणी समूह अगले दशक के दौरान 100 अरब डॉलर लगाएगा। 100 अरब डॉलर में से 70 प्रतिशत निवेश स्वच्छ ऊर्जा के लिए है।

समूह 10 गीगावॉट के सोलर पैनल तैयार करने, 10 गीगावॉट के विंड टरबाइन और 5 गीगावॉट क्षमता का हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइजर निर्माण के लिए तीन बड़े संयंत्र लगा रहा है। समूह अपना अक्षय ऊर्जा पोर्टफोलियो भी बढ़ाकर 45 गीगावॉट कर रहा है।

दिसंबर में जारी एक बयान में टाटा पावर ने वित्त वर्ष 2027 तक 60,000 करोड़ रुपये तक के पूंजीगत खर्च की योजनाओं का खुलासा किया, जिसमें 43 प्रतिशत निवेश अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में किया जाएगा। पर्यावरण, वन एवं तापमान परिवर्तन (एमओईएफसीसी) की समिति द्वारा 11.98 गीगावॉट क्षमता की पंप भंडारण जल विद्युत परियोजनाओं को पर्यावरण संबंधित मंजूरी दी गई है।

देश में पहली बार नए जमाने की ऊर्जा भंडारण परियोजनाओं को इतनी बड़ी मात्रा में मंजूरी दी गई है। आठ परियोजनाओं के लिए निवेश 81,981 करोड़ रुपये है और ये पांच राज्यों में फैली हुई हैं।

इनमें तीन निजी कंपनियां – ग्रीनको ग्रुप (3.6 गीगावॉट), जेएसडब्ल्यू एनर्जी (1.5 गीगावॉट) और स्टरलाइट ग्रिड (1.2 गीगावॉट) शामिल हैं।

अप्रैल-दिसंबर 2023 के दौरान विद्युत पारेषण क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा से जुड़ी 35 परियोजनाएं बोली प्रक्रिया के जरिये सौंपी गई थीं। इन परियोजनाओं का कुल आकार करीब 60,000 करोड़ रुपये है।

जहां सरकार के स्वामित्व वाली पावरग्रिड कॉरपोरेशन ने इस सूची में आगे रही, वहीं निजी कंपनियों में स्टरलाइट पावर, टाटा पावर और अदाणी एनर्जी सॉल्युशंस ने बड़ी परियोजनाएं हासिल कीं।

अदाणी एनर्जी सॉल्युशंस ने अपने तीसरी तिमाही के नतीजों के अवसर पर कहा था कि उसके पास 17,000 करोड़ रुपये मूल्य का निर्माणाधीन ट्रांसमिशन ऑर्डर है। आइनॉक्सजीएफएल ग्रुप ने अगले तीन-चार साल के दौरान करीब 1 अरब डॉलर का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है।

इन्फ्रास्ट्रक्चर के अलावा वाहन उद्योग भी बड़े निवेश की तैयारी कर रहा है। मारुति सुजूकी इंडिया ने वित्त वर्ष 2024 से वित्त वर्ष 2032 के बीच करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है।

First Published : February 5, 2024 | 11:01 PM IST