अर्थव्यवस्था

अनुदान कम होने के दौर में 11 राज्यों ने पेश किया घाटे का बजट

15वें वित्त आयोग ने वित्त वर्ष 22 से वित्त वर्ष 26 के दौरान राजस्व की कमी के लिए 17 राज्यों को 2.95 लाख करोड़ रुपये का अनुदान देने की सिफारिश की है।

Published by
शिवा राजौरा   
Last Updated- November 09, 2023 | 11:31 PM IST

15वें वित्त आयोग के अनुदान कम होने के दौर में वित्त वर्ष 24 में 11 राज्यों ने राजस्व घाटे का बजट पेश किया। पीआरएस विधायी अनुसंधान की गुरुवार की नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक इससे इन राज्यों के पूंजी व्यय में भी बाधा हुई है।

राजस्व घाटे के बजट का अर्थ यह है कि इन राज्यों को अपने राजस्व खर्चे जैसे वेतन, अनुदान और पेंशन के लिए भी उधारी लेने के आवश्यकता होगी। इन राज्यों में आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, केरल, पंजाब, पश्चिम बंगाल, असम, उत्तराखंड सहित अन्य राज्य शामिल हैं।

रिपोर्ट ‘राज्यों के वित्त की स्थिति’ के अनुसार राज्यों को वित्त की किसी भी जरूरतों को पूरा करने के लिए वित्त आयोग धन आबंटित करता है। यह धन केंद्रीय करों के हस्तांतरण के बाद आई कमी के रूप में रह सकता है। कुल मिलाकर राज्यों का वित्त वर्ष 2017 के बाद राजस्व घाटा रहा है।

Also read: RBI पूरी तरह सतर्क, मॉनेटरी पॉलिसी का जोर महंगाई कम करने पर : शक्तिकांत दास

15वें वित्त आयोग ने वित्त वर्ष 22 से वित्त वर्ष 26 के दौरान राजस्व की कमी के लिए 17 राज्यों को 2.95 लाख करोड़ रुपये का अनुदान देने की सिफारिश की है। इसमें से 87 फीसदी अनुदान पहले तीन वर्षों में ही जारी किया जा चुका है। रिपोर्ट के अनुसार, ‘आने वाले दो वर्षों में अनुदान कम रह सकता है।

लिहाजा राज्यों को अपने राजस्व के स्रोत बढ़ाने होंगे या राजस्व संतुलन को कायम रखने के लिए खर्चें में कटौती करनी होगी।’ इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वस्तु एवं सेवा कर मुआवजा जून, 2022 में समाप्त हुआ। लेकिन जीएसटी की अवधि से पहले और गारंटी राजस्व के स्तर से कम ही एसजीएसटी का राजस्व रहा है।

First Published : November 9, 2023 | 11:05 PM IST