GST 2.0: गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) की दरों बदलाव के मौजूदा प्रस्तावों के बावजूद वित्त वर्ष 2925-26 (FY26) में राज्यों की आमदनी बढ़ने की संभावना है। SBI रिसर्च की GST 2.0 रिपोर्ट के मुताबिक, SGST और केंद्र से ट्रांसफर होने वाली रकम के जरिए राज्यों को लगभग 14 लाख करोड़ रुपए मिल सकते हैं। GST में मिलने वाले रेवेन्यू का आधा हिस्सा सीधे केंद्र सरकार और आधा हिस्सा राज्यों को मिलता है। इसके अलावा, केंद्र के हिस्से का लगभग 41% भी राज्यों को वापस मिलता है। इसका मतलब है कि 100 रुपए GST में से करीब 70 रुपए सीधे राज्यों के खजाने में जाते हैं।
GST शुरू होने के पहले पांच साल (2017-2022) में राज्यों को हर साल 14% ज्यादा राजस्व मिलने की गारंटी दी गई थी। इस दौरान, राज्यों को कुल 9.14 लाख करोड़ रुपए का मुआवजा मिला, जो अनुमानित राशि से करीब 63,265 करोड़ रुपए ज्यादा था। COVID-19 के समय राजस्व में कमी को पूरा करने के लिए केंद्र ने 2.69 लाख करोड़ रुपए का ऋण भी राज्यों को दिया। इसका मतलब है कि GST पहले भी राज्यों के लिए फायदेमंद रहा है।
SBI रिपोर्ट के मुताबिक, FY26 में राज्यों को SGST के रूप में लगभग 10 लाख करोड़ और ट्रांसफर के जरिए 4.1 लाख करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। अगर नई GST दरों से खपत बढ़ती है, तो अतिरिक्त 52,000 करोड़ रुपए का फायदा भी होगा, जिसमें से 26,000 करोड़ केंद्र को और 26,000 करोड़ राज्यों को मिलेगा। इसका मतलब है कि नए वित्तीय वर्ष में भी राज्यों की आमदनी मजबूत रहेगी।
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GST का सिस्टम ऐसा है कि राज्यों की आमदनी थोड़े समय के लिए कम होने पर भी उन्हें नुकसान नहीं होता। चाहे GST दरें बदलें या मुआवजा शुल्क (Compensation Cess) बंद हो जाए, राज्यों के पैसे सुरक्षित रहते हैं। संविधान की व्यवस्था यह सुनिश्चित करती है कि कर सुधार के दौरान भी राज्यों के खजाने और हित सुरक्षित रहें।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 और 2019 में जब GST की दरों में बदलाव किया गया था, तो शुरू में राजस्व में थोड़ी गिरावट (3–4%) आई। लेकिन कुछ ही महीनों में राजस्व फिर से बढ़ने लगा। इसका मतलब है कि दरों में बदलाव केवल थोड़े समय के लिए असर डालता है, बल्कि लंबे समय में GST सिस्टम को सरल और असरदार बनाता है। इससे व्यवसायों पर टैक्स भरने का बोझ कम होता है और सरकार को ज्यादा टैक्स मिल पाता है।
SBI के अनुमान के मुताबिक, टॉप- 5 राज्यों की GST से आने वाली आमदनी इस प्रकार रहेगी:
क्रम | राज्य | अनुमानित GST कलेक्शन (FY26) | दर सुधार के बाद कलेक्शन | अंतर |
---|---|---|---|---|
1 | महाराष्ट्र | 1,83,907 | 2,10,066 | 26,159 |
2 | उत्तर प्रदेश | 85,689 | 1,59,977 | 74,287 |
3 | हरियाणा | 88,357 | 92,884 | 4,526 |
4 | गुजरात | 74,088 | 88,491 | 14,403 |
5 | कर्नाटक | 99,137 | 114,240 | 15,103 |
सोर्स: SBI रिपोर्ट, टैक्स कलेक्शन/अंतर- करोड़ रुपये में |
GST काउंसिल कुछ जरूरी सुधारों पर काम कर रही है। मुआवजा कोष में जो 50,000 करोड़ रुपए बच गए हैं, उन्हें राज्यों के राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा, पेट्रोल, बिजली और हवाई ईंधन (एविएशन टर्बाइन फ्यूल) को GST में शामिल करने पर भी विचार हो रहा है। GST रजिस्ट्रेशन और रिटर्न भरने की प्रक्रिया को डिजिटल और आसान बनाया जाएगा, ताकि व्यवसायियों को परेशानी कम हो। साथ ही, इनपुट टैक्स ज्यादा होने की वजह से व्यवसायों पर बोझ और कीमतें बढ़ने की समस्या का भी हल निकाला जाएगा।