अर्थव्यवस्था

Silicon Valley Bank Crisis: SVB का समाधान तलाशने में जुटी सरकारें

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आर्यमान गुप्ता, सौरभ लेले
Last Updated- March 12, 2023 | 9:18 PM IST

सिलिकन वैली बैंक (SVB) के बंद होने का असर दुनिया भर में तेजी से देखा जा रहा है। इस संकट का समाधान तलाशने के लिए न केवल स्टार्टअप के संस्थापक, मुख्य कार्या​धिकारी (सीईओ) और निवेशक साथ मिलकर काम कर रहे हैं ब​ल्कि सरकारें भी हरकत में हैं।

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट में कहा, ‘सिलिकन वैली बैंक का बंद होना निश्चित ही दुनिया भर के स्टार्टअप के लिए परेशानी पैदा करने वाला है। स्टार्टअप नए भारत की अर्थव्यवस्था का महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं। इसके असर का आकलन करने के लिए मैं इस हफ्ते भारतीय स्टार्टअप के लोगों से मुलाकात करूंगा और यह पता लगाने का प्रयास करूंगा कि सरकार संकट के इस समय में उनकी किस तरह मदद कर सकती है।’ उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार SVB संकट का असर भारतीय स्टार्टअप के विकास पर नहीं पड़ने देगी।

समझा जाता है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इस मुद्दे पर चर्चा के लिए ई-कॉमर्स और साइबर कानून पर अपने परामर्श समूह के साथ भी बैठक कर सकता है।

इससे पहले ब्रिटेन की सरकार ने कहा था कि वह तकनीकी क्षेत्र का नुकसान कम से कम करने की कोशिश कर रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन के वित्त मंत्री जेरेमी हंट ने एक समाचार चैनल से बात करते हुए कहा था, ‘हम यह सुनि​श्चित करने के लिए बहुत जल्द योजनाएं लाएंगे ताकि लोग नकदी की अपनी जरूरतें पूरी कर सकें और कर्मचारियों को वेतन दे सकें।’ रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋ​षि सुनक, वित्त मंत्री और बैंक ऑफ इंगलैंड के गवर्नर की बैठक के बाद यह बयान आया है।

इस बीच अमेरिका के नियामक सोमवार को बैंक की संप​त्तियों की बिक्री करने और खाताधारकों को बीमारहित जमाओं का हिस्सा उपलब्ध कराने में जुट गया है।

भारत में भी SVB संकट और इसके असर को लेकर चिंता बढ़ गई है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि कितने भारतीय स्टार्टअप की रकम SVB में है। लेकिन वि​भिन्न उद्योग सूत्रों के मुताबिक कम से कम 1,000 स्टार्टअप की रकम वहां है।

नजारा टेक्नोलॉजिज ने नियामकीय जानकारी में बताया कि उसकी दो सहायक इकाइयों- किडोपिया और मीडियावर्क्ज का SVB में करीब 64 करोड़ रुपये नकद जमा हैं। कंपनी ने बयान में कहा, ‘दोनों सहायक इकाइयों के पास पर्याप्त पूंजी है और उनका नकद प्रवाह तथा मुनाफा बना हुआ है। इसलिए SVB घटनाक्रम से हमें रोजमर्रा के परिचालन पर कोई असर पड़ने की आशंका नहीं है।’

मामले के जानकारों का कहना है कि सिकोया इंडिया, एस्सेल, वाई कॉ​म्बिनेटर और सॉफ्टबैंक जैसे वेंचर कैपिटल के समर्थन वाले कई घरेलू स्टार्टअप का SVB में खाता है। भारतीय सास स्टार्टअप और वाई कॉ​म्बिनेटर सम​र्थित उन फर्मों के लिए SVB ही प्रमुख बैंक है, जिन्होंने अमेरिका में अपनी कंपनियां खोली हैं और शुरुआती चरण में पूंजी जुटाई है।

इन्फो एज के संस्थापक संजीव बिकचंदानी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘वेंचर कैपिटल सम​र्थित भारत से बाहर की करीब 15 से 20 फीसदी स्टार्टअप की रकम सिलिकन वैली बैंक में जमा है। इनमें वे स्टार्टअप भी होंगे जो भारत से बाहर चले गए हैं या जिनकी विदेश में सहायक इकाइयां हैं।’

बिकचंदानी ने कहा कि इसका समाधान वै​श्विक और स्थानीय स्तर दोनों पर होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘वाई कॉ​म्बिनेटर के निवेश वाले सभी घरेलू स्टार्टअप को SVB के जरिये निवेश प्राप्त हुआ है और इनका एसबीवी के साथ बैंकिंग संबंध भी बना हुआ है। ऐसे सैंकड़ो स्टार्टअप हैं और उनमें से कुछ हमारे सबसे बेहतरीन स्टार्टअप भी शामिल हैं। SVB में जिन स्टार्टअप का निवेश है, वे जो​खिम में पड़ सकते हैं।’

हालांकि वाई कॉ​म्बिनेटर सम​र्थित जेप्टो, मीशो और रेजरपे ने दावा किया है कि उनका SVB में कोई निवेश नहीं है। मामले के जानकारों का कहना है कि छोटे और शुरुआती स्तर के स्टार्टअप पर सबसे ज्यादा मार पड़ेगी। रेजरपे के प्रवक्ता ने कहा, ‘कंपनी का अमेरिका के कई बैंकों में थोड़ा-थोड़ा पैसा है। सिलिकन वैली बैंक में हमारा कुछ जमा नहीं है।’

वाई कॉम्बिनेटर के निवेश वाले करीब 40 भारतीय स्टार्टअप के SVB में 2.5 लाख डॉलर से 10 लाख डॉलर तक जमा हैं। वाई कॉ​म्बिनेटर के संस्थापकों के व्हाट्सऐप ग्रुप के आंकड़ों के मुताबिक 20 से अ​धिक स्टार्टअप का एसबीवी में 10 लाख डॉलर से ज्यादा की रकम जमा है।

वाई कॉ​म्बिनेटर के प्रेसिडेंट और मुख्य कार्या​धिकारी गैरी ट्रान ने SVB के पतन को स्टार्टअप के विलुप्त होने के स्तर की घटना करार दिया है। उन्होंने ट्वीट किया, ’30 फीसदी वाई कॉम्बिनेटर कंपनियों के पैसे SVB में जमा हैं, जो अगले 30 दिन में वेतन नहीं दे पाएंगी।’

इस बारे में जानकारी के लिए वाई कॉ​म्बिनेटर को ईमेल किया गया लेकिन खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं आया।

ट्राईफेक्टा कैपिटल के सह-संस्थापक और मैनेजिंग पार्टनर राहुल खन्ना ने कहा, ‘वाई कॉ​म्बिनेटर के निवेश वाले छोटे स्टार्टअप के लिए SVB स्वाभाविक बैंक है। SVB स्टार्टअप के लिए अनुकूल बैंक था। हालांकि बड़े स्टार्टअप SVB पर ज्यादा निर्भर नहीं हैं।’ उन्होंने कहा कि उनके पोर्टफोलियो की कंपनियों पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।

First Published : March 12, 2023 | 9:18 PM IST