महंगाई से लडऩे को खजाना खोलेगी सरकार!

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 6:47 PM IST

बढ़ती कीमतों से ग्राहकों को राहत देने और कई साल के उच्च स्तर पर पहुंची महंगाई दर से निपटने के लिए भारत सरकार 2 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करने पर विचार कर रही है। रॉयटर्स को दो सरकारी अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
वित्त मंत्री ने शनिवार को पेट्रोल व डीजल पर कर में कटौती की घोषणा की थी, जिससे सरकार के राजस्व को एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचने की संभावना है। नए कदमों से सरकार के राजस्व की हानि दोगुनी होने की संभावना है।
भारत की खुदरा महंगाई दर अप्रैल में 8 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई, जबकि थोक महंगाई 17 साल के उच्चतम स्तर पर है। इसकी वजह से आने वाले कुछ विधानसभा चुनाव को देखते हुए महंगाई दर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के लिए बड़ा सरदर्द बन गई है। एक अधिकारी ने नाम न दिए जाने की शर्त पर कहा, ‘हमारा ध्यान पूरी तरह से महंगाई दर नीचे लाने पर है। यूक्रेन संकट का असर किसी की भी कल्पना से ज्यादा पड़ा है।’
दो अधिकारियों ने कहा कि सरकार का अनुमान है कि उर्वरक सब्सिडी पर मौजूदा 2.15 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त 500 अरब रुपये और खर्च हो सकते हैं। अगर कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय दाम बढ़ते हैं तो सरकार पेट्रोल और डीजल के कर में एक बार और कटौती कर सकती है। दूसरे अधिकारी ने कहा कि इसका मतलब यह है कि 1अप्रैल से शुरू 2022-23 में राजस्व को 1 से  1.5 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। दोनों अधिकारियों ने नाम दिए जाने से मना कर दिया क्योंकि वे ब्योरा देने के लिए अधिकृत नहीं हैं।
सरकार ने इस मसले पर तत्काल प्रतिक्रिया नहीं दी है।
एक अधिकारी ने कहा कि सरकार को इसके लिए बाजार से अतिरिक्त उधारी लेने की जरूरत पड़ सकती है, जिससे इन कदमों का वित्तपोषण हो सके। इसका मतलब यह है कि सरकार वित्त वर्ष 22-23 के राजकोषीय घाटे के 6.4 प्रतिशत के लक्ष्य से चूक सकती है।
अधिकारी ने उधारी की राशि या राजकोषीय चूक के बारे में कुछ भी कहने से इनकार किया और कहा कि यह इस पर निर्भर होगा कि वित्त वर्ष के दौरान बजट से कितना धन उस मद में दिया जाता है।
फरवरी में बजट में की गई घोषणा के मुताबिक सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 14.31 लाख करोड़ रुपये उधारी से जुटाने की योजना बनाई है।  
अन्य अधिकारी ने कहा कि अतिरिक्त उधारी अप्रैल सितंबर के दौरान प्रस्तावित 8.45 लाख करोड़ रुपये उधारी की योजना पर असर नहीं डालेगी और इसे जनवरी-मार्च 2023 में लिया जा सकता है।

First Published : May 23, 2022 | 12:37 AM IST