हाई-टेक उत्पादों को सरकार ने दी कर छूट

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 9:16 PM IST

सरकार ने निर्यात को बढावा देने के लिए शुक्रवार को हाई-टेक प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट प्रोमोशन स्कीम की घोषणा की। अभी 37-ई उत्पादों की सूची जारी होनी बाकी है।


विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) 2004-09 की वार्षिक समीक्षा में  इसका भरोसा दिलाया गया है कि इन उत्पादों के निर्यात के लिए विदेश व्यापार निदेशक (डीजीएफटी) की सहमति जरूरी है।


इसके अलावा निर्यातक को मार्के ट एक्सेस इनिशियेटिव्स (एमएआई) और मार्केट डेवलपमेंट असिस्टेंस (एमडीए) के प्रयोग करने की भी सुविधा होगी ताकि इलेक्ट्रॉनिक और आईटी उत्पादों की निर्माता कंपनियों को संवर्द्धित किया जा सके। हाई-टेक उत्पादों के निर्यात की सारी गतिविधियां इसी स्कीम के तहत रखी जाएगी।


इस योजना के लागू होने से पूर्व घरेलू टैरिफ क्षेत्र (डीटीए) में बिक्री को छोड़कर बाकी सभी क्षेत्रों में निर्यात होने वाले उत्पादों की बिक्री निर्यातोन्मुखी इकाई योजना, इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर टेक्ोलॉजी पार्क योजना(ईएचटीपी), सॉफ्टवेयर टेक्ोलॉजी पार्क(एसटीपी) योजना या बायो-टेक्नोलॉजी पार्क (बीटीपी) योजना के अंतर्गत की जाती थी जिसमें उत्पादों के निर्माण, उसका पुनर्निर्माण,मरम्मत, रिकंडीशनिंग, रिइंजीनियरिंग जैसी सेवाएं दी जाती हैं।


ये सारी इकाइयां डीटीए के अंतर्गत बिना कर का भुगतान किए सॉफ्टवेयर सुविधाओं की बिक्री क रती थी। सॉफ्टवेयर इकाइयों समेत अन्य सेवाओं की बिक्री भी डीटीए मोड में होती है जिसमें अब 50 प्रतिशत एफओबी मूल्य या 50 प्रतिशत विदेशी जमा हस्तांतरण अदा करना होगा अगर भुगतान विदेशी मुद्राओं में किया जाएगा।


निर्यातोन्मुखी इकाइयां और विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज),ईएचटीपी, एसटीपी और बीटीपी को इस योजना के तहत शामिल किया जाएगा। इस स्टेटस की अर्हता केवल उस निर्यातकों को मिलेगी जिसने पिछले तीन सालों में बेहतर प्रदर्शन किया है।


ज्यादातर हाई तकनीक उत्पादों का निर्यात सारे देशों के लिए मुक्त रहेगा और उन्हें एक डयूटी क्रेडिट स्क्रिप दी जाएगी जो एफओबी के 1.25 प्रतिशत के बराबर रहेगा।  नासकॉम के अध्यक्ष सोम मित्तल ने कहा कि एकीकृत आईटी टाउनशिप की स्थापना मंत्रालय का एक सराहनीय कदम है।


यह आईटी इकाइयों की प्रगति में सहायक होगा। हालांकि यह एक लंबी अवधि की योजना है और इसके अंतर्गत कर संरचना से भी हमलोग वाकिफ नही हैं। दरअसल हमें एक छोटी अवधि के लिए एक बेहतर योजना की जरूरत है और हम चाहते हैं कि सरकार इस संबंध में कोई ठोस कदम जल्दी उठाए।

First Published : April 11, 2008 | 11:17 PM IST