भारत में कोयला उत्पादन
कोयला मंत्रालय ने बताया कि कैप्टिव और वाणिज्यिक खदानों से कोयला उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में 32.53% बढ़कर 167.36 मीट्रिक टन हुआ। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कैप्टिव और वाणिज्यिक खदानों से कुल कोयला उत्पादन फरवरी 2025 तक 167.36 मिलियन टन (एमटी) तक पहुंच गया। यह 28 फरवरी, 2024 तक उत्पादित 126.28 मीट्रिक टन की तुलना में साल-दर-साल 32.53% की वृद्धि दर्शाता है।
कोयला प्रेषण में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, वित्तीय वर्ष के लिए कुल प्रेषण 170.66 मीट्रिक टन तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष 128.45 मीट्रिक टन की तुलना में अधिक है। यह 32.86% वार्षिक वृद्धि दर्शाता है, जो विद्युत, इस्पात और सीमेंट जैसे प्रमुख क्षेत्रों को स्थिर और निर्बाध कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करता है।
मेसर्स प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड की भास्करपारा कोयला खदान ने 15 फरवरी, 2025 को 15 मीट्रिक टन की अधिकतम रेटेड क्षमता (पीआरसी) के साथ कोयला उत्पादन शुरू किया।
फरवरी तक पिछले तीन लगातार वर्षों में हुए कोयला उत्पादन के आंकड़े –
भारत का कोयला आयात चालू वित्त वर्ष के पहले आठ माह (अप्रैल-नवंबर) के दौरान दो प्रतिशत बढ़कर 18.20 करोड़ टन से अधिक रहा है। बिजनेस-टू-बिजनेस ई-कॉमर्स कंपनी ‘एमजंक्शन सर्विसेज’ लिमिटेड द्वारा संकलित आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में देश ने 17.81 करोड़ टन कोयले का आयात किया था। हालांकि, नवंबर महीने में देश का कोयला आयात घटकर 1.95 करोड़ टन रह गया, जो पिछले वित्त वर्ष के इसी महीने में 2.23 करोड़ टन था।
एमजंक्शन के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विनय वर्मा ने कहा, ‘‘कोयला आयात की मात्रा में गिरावट आई है, जो बाजार उम्मीदों के अनुरूप है। घरेलू बाजार में पर्याप्त उपलब्धता ने स्पॉन्ज आयरन और स्टील जैसे उपभोक्ता क्षेत्रों से आयात मांग को कम कर दिया है। इसके अलावा, बिजली संयंत्रों में संतोषजनक स्टॉक की स्थिति के कारण भी आयात की मांग कम हुई है।’’ उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में यह रुख जारी रहने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि सरकार कोयले का उत्पादन बढ़ाने और आयात पर निर्भरता कम करने पर जोर दे दी है। मौजूदा आयात नीति के अनुसार, उपभोक्ता अपनी जरूरत के हिसाब से खुद आसानी से कोयले का आयात कर सकते हैं।
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