खनन मंत्रालय महत्त्वपूर्ण व रणनीतिक खनिजों की नीलामी का पहला दौर बुधवार को शुरू करेगा। केंद्रीय कोयला, खनन व संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी 20 महत्त्वपूर्ण खनिज ब्लॉक के लिए बोलियां आमंत्रित करने की प्रक्रिया का उद्घाटन करेंगे।
मंत्रालय के अनुसार, ‘एमएसटीसी के नीलामी मंच पर खनिज ब्लॉक, नीलामी की शर्तों, समयसीमा आदि का विवरण 29 नवंबर, 2023 को शाम 6 बजे उपलब्ध होगा। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम की श्रेणी 1 में मिनी रत्न एमएसटीसी है व इसका प्रशासनिक नियंत्रक स्टील मंत्रालय है।’
यह नीलामी प्रक्रिया दो चरणों में ऑनलाइन पूरी की जाएगी। इसमें पात्र बोलीकर्ता का चयन उनके द्वारा उद्धृत खनिज प्रेषण के मूल्य के उच्चतम प्रतिशत के आधार पर किया जाएगा।
इन खनिजों की उपलब्धता की कमी या कुछ देशों में ही इनकी बहुलता से आपूर्ति श्रृंखला कमजोर हो सकती है। मंत्रालय के मुताबिक, ‘यह हमारी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए मील का पत्थर है। इससे हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत होने के साथ भविष्य के स्वच्छ ईंधन को अपनाने में मदद मिलेगी।’
केंद्र सरकार ने 28 जून को महत्त्वपूर्ण खनिजों की पहली सूची जारी की थी। बीते महीने देश की आर्थिक वृद्धि व तकनीकी विकास के लिए 30 प्रमुख महत्त्वपूर्ण खनिजों की पहचान की गई थी। वर्तमान समय में महत्त्वपूर्ण खनिजों की मांग आमतौर पर आयात से पूरी की जाती है।
सरकार ने मार्च, 2022 में प्लेटिनम समूह की धातुओं (पीजीएम) के लिए चार प्रतिशत रॉयल्टी दर, मलिब्डनम के लिए 7.5 प्रतिशत, ग्लौकोनाइट व पोटाश के लिए 2.5 फीसदी दर तय की थी।
सरकार ने 12 अक्टूबर, 2023 को लीथियम के लिए 3 प्रतिशत, नामोबियम के लिए व दुर्लभ खनिज तत्त्वों के लिए एक प्रतिशत तय की थी। इस नीलामी में कुछ और खनिजों को भी शामिल किए जाने की उम्मीद है। भविष्य की वैश्विक अर्थव्यवस्था लिथियम, ग्रेफाइट, कोबाल्ट, टाइटेनियम और दुर्लभ खनिज तत्त्वों (आरईई) आदि खनिजों पर निर्भर होगी।
भारत 2030 तक बिजली की कुल स्थापित क्षमता में से हरित ऊर्जा स्रोतों की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बदलाव के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ इलेक्ट्रिक कार, पवन व सौर ऊर्जा परियोजनाओं तथा बैटरी भंडारण प्रणालियों की मांग बढ़ेगी।
इससे इन महत्त्वपूर्ण खनिजों की मांग नवीकरणीय ऊर्जा, रक्षा, कृषि, दवा, उच्च तकनीक वाले इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों, दूरसंचार, यातायात और गीगा फैक्टरी की स्थापना के क्षेत्र में बढ़ जाएगी। भविष्य में इन क्षेत्रों की खासी मांग होगी।