अर्थव्यवस्था

वित्त विधेयक को मंजूरी, किए गए 35 संशोधन

35 सरकारी संशोधनों के साथ विधेयक पारित, ऑनलाइन विज्ञापन कर हटाने का निर्णय, 50.65 लाख करोड़ रुपये के कुल व्यय का अनुमान

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एजेंसियां   
Last Updated- March 27, 2025 | 10:39 PM IST

राज्य सभा ने गुरुवार को वित्त विधेयक 2025 को मंजूरी दे दी और इसे 35 सरकारी संशोधनों के साथ लोक सभा को लौटा दिया। इनमें ऑनलाइन विज्ञापनों पर 6 प्रतिशत डिजिटल कर को खत्म करने वाला संशोधन भी शामिल है। इस तरह 1 फरवरी को शुरू हुई 2025-26 की बजट प्रक्रिया पूरी हो गई। सदन ने विनियोग विधेयक (3) को भी ध्वनि मत से वापस कर दिया। इससे पहले दिन में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में दोनों विधेयक पेश किए थे। लोक सभा ने 25 मार्च को वित्त विधेयक और 21 मार्च को विनियोग विधेयक पारित किया था।

शाम को चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त मंत्रालय की प्रवृत्ति सावधानी बरतने और राजस्व को हाथ से जाने न देने की होगी। उन्होंने कहा, ‘यहां हम इस अवसर का उपयोग भारतीय करदाताओं के प्रति अपना सम्मान दिखाने के लिए करना चाहते थे। हमने 12 लाख रुपये की सीमा तय करने की दिशा में कदम बढ़ाया है, जिससे ऊपर किसी को कोई कर नहीं देना होगा।’

केंद्रीय बजट 2025-26 में कुल 50.65 लाख करोड़ रुपये के व्यय का अनुमान है, जो मौजूदा वित्त वर्ष से 7.4 प्रतिशत अधिक है। अगले वित्त वर्ष के लिए प्रस्तावित कुल पूंजीगत व्यय 11.22 लाख करोड़ रुपये और प्रभावी पूंजीगत व्यय 15.48 लाख करोड़ रुपये है। इसमें 42.70 लाख करोड़ रुपये के सकल कर राजस्व संग्रह और 14.01 लाख करोड़ रुपये के सकल उधार का प्रस्ताव है।

बजट दस्तावेजों के अनुसार, 1 अप्रैल, 2025 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं के लिए 5,41,850.21 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसकी तुलना मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 4,15,356.25 करोड़ रुपये से की जाती है। केंद्रीय योजनाओं के लिए वित्त वर्ष 26 के लिए 16.29 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि 2024-25 के लिए 15.13 लाख करोड़ रुपये थे।

वित्त वर्ष 2025-26 के लिए व्यय के बजट अनुमान कई कारणों से बढ़े हैं। इनमें बाजार ऋण, ट्रेजरी बिल, बाहरी ऋण, लघु बचत और भविष्य निधि पर ब्याज के भुगतान में वृद्धि; पूंजीगत व्यय समेत सशस्त्र बलों की बढ़ती जरूरतें और रोजगार सृजन वाली योजना के लिए अधिक प्रावधान आदि शामिल हैं। बजट 2025-26 में 25,01,284 करोड़ रुपये के कुल संसाधन राज्यों को हस्तांतरित किए जा रहे हैं, जो 2023-24 के वास्तविक आंकड़ों से 4,91,668 करोड़ रुपये अधिक है। इनमें राज्यों की हिस्सेदारी, अनुदान/ऋण का हस्तांतरण और केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत जारी राशि शामिल है।

First Published : March 27, 2025 | 10:39 PM IST