वृद्धि की रफ्तार दिसंबर महीने में सुस्त रहने और ओमीक्रोन वायरस के उभरते जोखिम को देखते हुए भारत की वास्तविक जीडीपी में 80 आधार अंक की कमी आ सकती है। सिटीग्रुप ने जीडीपी वृद्धि के अपने ताजा अनुमान में इस गिरावट के साथ वित्त वर्ष 22 में 9 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है।
सिटीग्रुप इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री समीरन चक्रवर्ती ने सोमवार को एक रिसर्च नोट में कहा, ‘ओमीक्रोन की लहर का वित्त वर्ष 22 की चौथी तिमाही में असर पहले की लहर की तुलना में कम रहेगा लेकिन वित्त वर्ष 22 की तीसरी तिमाही में गतिविधियां हमारी उम्मीद से बहुत कम रही हैं। इसकी वजह से हम वित्त वर्ष 22 के वास्तविक जीडीपी वृद्धि अनुमान को 80 आधार अंक घटाकर 9 प्रतिशत कर रहे हैं। यह मुख्य रूप से तीसरी तिमाही की कमजोर गतिविधियों को देखते हुए किया गया है। इसके साथ ही हमने वित्त वर्ष 23 के वास्तविक जीडीपी वृद्धि का अनुमान भी संशोधित करते हुए पहले के 8.8 प्रतिशत से 8.3 प्रतिशत कर दिया है।’
सरकार के सांख्यिकी कार्यालय ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 22 में जीडीपी में 9.2 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था, जो अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के 9.5 प्रतिशत अनुमान की तुलना में बहुत कम है। साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक ने उम्मीद जताई थी कि पहले के वित्त वर्ष की तुलना में ऐतिहासिक सुधार के बाद भारत की अर्थव्यवस्था महामारी के पूर्व के आकार से बड़ी हो जाएगी।
कोविड-19 के मामले तेजी से बढऩे के साथ तमाम राज्यों ने रात और सप्ताहांत का कफ्र्यू लगा दिया है, जिससे तीसरी लहर के प्रसार पर काबू पाया जा सके। इस तरह से आवाजाही पर विपरीत असर पड़ा है और इसे लेकर संवेदनशील स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं।