पिछली कुछ तिमाहियों के दौरान देश की सीमेंट मांग में लगातार दो अंकों की वृद्धि देखी गई है। इसे मुख्य रूप से बुनियादी ढांचे पर खर्च से बढ़ावा मिला है।
हालांकि डीलरों और उद्योग के अधिकारियों का कहना है कि राज्यों में चुनाव, त्योहारी सीजन और कुछ बाजारों में शादी-विवाह तथा प्रदूषण मांग की इस रफ्तार को अस्थायी रूप से बाधित कर सकते हैं।
हालांकि त्योहारी सीजन में आम तौर पर निर्माण गतिविधियों में नरमी देखी जाती है, लेकिन कुछ डीलरों का अनुमान है कि कई राज्यों में चुनाव के कारण यह नरमी पूरे महीने तक जारी रह सकती है।
देश में अक्टूबर-नवंबर के त्योहारी सीजन के दौरान बड़ी संख्या में निर्माण श्रमिक अपने मूल गांव-नगरों में लौट जाते हैं, जिससे निर्माण गतिविधि की रफ्तार अस्थायी रूप से बाधित हो जाती है।
हिमाचल प्रदेश के एक डीलर ने कहा ‘दिवाली के दौरान श्रमिक उत्सव मनाने के लिए वापस चले जाते हैं, जिससे मांग धीमी हो जाती है, फिलहाल ऐसी ही चल रहा है।’
देश की दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट विनिर्माता अदाणी सीमेंट के मुख्य कार्याधिकारी अजय कपूर ने कहा ने इस महीने की शुरुआत में विश्लेषकों को सूचित किया था कि पूर्वी भारत का बाजार वर्तमान में पूजा के बाद और दीवाली की अवधि से प्रभावित है।
उन्होंने कहा ‘मुझे उम्मीद है कि नवंबर और दिसंबर के बाद पूर्वी क्षेत्र आठ से 10 प्रतिशत की अपनी सामान्य मांग वृद्धि पर लौट आएगा।’ हालांकि यह दर अब भी पहले की 15 से 16 प्रतिशत की वृद्धि दर से कम होगी।
इस बाजार के एक अन्य डीलर के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र जैसे बाजारों में वायु प्रदूषण की चिंताओं के कारण निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध की वजह से मांग लुढ़ककर लगभग शून्य रह गई है।
राजस्थान के कुछ बाजारों में डीलरों को चुनाव और शादी-विवाह के सीजन के कारण मांग लौटने में देर होने की आशंका है। राजस्थान के एक सीमेंट डीलर दीर्घकालिक मांग के संबंध में आशावादी हैं।
उनका कहना है कि सितंबर की तुलना में अक्टूबर औसत ही रहा, लेकिन पिछले साल की तुलना में यह बेहतर था। नवंबर में इस समय दीवाली सीजन की सुस्ती है तथा चुनाव और शादी-विवाह के व्यस्त सीजन के कारण यह चुनौतीपूर्ण बना रहेगा।
वर्तमान में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना में आगामी चुनावों के वजह से आदर्श आचार संहिता लागू है। एक अन्य सीमेंट डीलर और सीमेंट आपूर्ति श्रृंखला के अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की कि मुख्य रूप से नकदी उपलब्धता के मसलों के कारण मांग में कमजोरी अधिकांश राज्यों में नजर आ रही है।
क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस ऐंड एनालिटिक्स के निदेशक (अनुसंधान) मिरेन लोढ़ा को उम्मीद है कि साल 2023-24 की दूसरी छमाही में मांग वृद्धि इन्हीं कारणों से औसत रहेगी।