अर्थव्यवस्था

सीआरआर कटौती से बढ़ेगी नकदी : रियल एस्टेट

सीआरआर वह राशि होती है जो बैंकों का रिजर्व बैंक के पास अनिवार्य रूप से रखनी होती है। रिजर्व बैंक ने सीआरआर को 50 आधार अंक घटाकर 4 प्रतिशत किया।

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प्राची पिसल   
Last Updated- December 06, 2024 | 10:25 PM IST

रियल एस्टेट कंपनियों ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) घटाने से इस क्षेत्र को ऋण बढ़ेगा और नकदी की स्थिति सहज होगी। नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट कौंसिल के चेयरमैन निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि इस कटौती से बैंकों की ऋण देने की क्षमता में इजाफा होगा और बाजार में अधिक धन उपलब्ध होगा। सीआरआर वह राशि होती है जो बैंकों का रिजर्व बैंक के पास अनिवार्य रूप से रखनी होती है। रिजर्व बैंक ने सीआरआर को 50 आधार अंक घटाकर 4 प्रतिशत किया।

एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, ‘ सीआरआर में यह कटौती भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए सकारात्मक है। इस कटौती से बैंकों के पास अधिक उधार देने की क्षमता होगी। इससे सीधे-सीधे डेवलपरों को अधिक ऋण देने में मदद मिलेगी।’ अनंत राज लिमिटेड के निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी अमन सरीन ने कहा कि सीआरआर में कटौती के बाद बैंकों के पास अतिरिक्त कोष उपलब्ध होगा। इससे खुदरा और संस्थाओं को दोनों को ऋण में इजाफा होगा।

अजमेरा रियल्टी ऐंड इंफ्रा इंडिया लिमिटेड के मुख्य वित्तीय अधिकारी नितिन बाविसी ने कहा कि सीआरआर में कटौती बड़ी सकारात्मक घटना है। इससे सिस्टम में 1.6 लाख करोड़ रुपये से अधिक की नकदी आ पाएगी।’ उन्होंने कहा ‘इससे न केवल नकदी की सहूलियत बढ़ेगी बल्कि जमा और उधारी दर भी घटेगी लेकिन इसमें थोड़ी देर हो सकती है।’

रिजर्व बैंक ने रीपो दर को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा है। इस बेंचमार्क दर में कोई बदलाव न होने से रियल्टरों की आशाओं पर पानी फिर गया। हीरानंदानी ने कहा, ‘भारत की आर्थिक विकास की राह की चिंताओं को देखते हुए रिजर्व बैंक की हालिया मौद्रिक घोषणा में रीपो दर में 50 प्रतिशत कटौती की उम्मीद पूरी नहीं हुई है।’

पुरी ने कहा कि रीपो दर में कटौती होती तो मकानों की बिक्री बढ़ने में मदद मिलती जो पिछली दो तिमाही से कमजोर है। उन्होंने कहा, ‘विशेष तौर पर आवासों की कीमतों में बीती तिमाही में जबरदस्त उछाल के बाद किफायती आवास ऋण की अपेक्षाकृत रियायती ब्याज दरें इस खंड में ग्राहकों को आकर्षित करेगी।’

सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि केंद्रीय बैंक का फैसला ‘संतुलित और समझदारी’ भरा है। इससे डेवलपर भरोसे के साथ अपनी योजनाएं बना सकते हैं और घर खरीदने वालों को अनुकूल उधारी लागत से लाभ हो सकता है।

First Published : December 6, 2024 | 10:25 PM IST