अर्थव्यवस्था

Budget 2024: स्वास्थ्य बजट बढ़कर हो GDP का 2.5 प्रतिशत

स्वास्थ्य सेवाओं, उपकरणों पर लगने वाले वस्तु एवं सेवा कर को तार्किक बनाया जाए

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संकेत कौल   
Last Updated- January 14, 2024 | 9:45 PM IST

आगामी अंतरिम बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र ने स्वास्थ्य पर व्यय बढ़ाने, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को तार्किक बनाने और स्थानीय क्षमता व व्यक्तिगत प्रशिक्षण पर निवेश बढ़ाने की मांग की है। नैशनल हॉस्पिटल फेडरेशन ऑफ इंडिया के मुताबिक इस सेक्टर ने स्वास्थ्य क्षेत्र पर व्यय बढ़ाकर जीडीपी का 2.5 प्रतिशत करने और जीएसटी दरें तार्किक बनाए जाने की मांग की है।

फोर्टिस हेल्थकेयर के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) और नेटहेल्थ के प्रेसीडेंट आशुतोष रघुवंशी ने कहा कि भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र पर मौजूदा व्यय जीडीपी का महज 1.6 से 1.8 प्रतिशत है। उन्होंने कहा, ‘स्वास्थ्य क्षेत्र की चुनौतियों के हिसाब से यह आवंटन अपर्याप्त है।’

रघुवंशी ने कहा कि बजट आवंटन बढ़ाकर जीडीपी का 2.5 प्रतिशत किए जाने की जरूरत है। साथ ही स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के विस्तार, स्वास्थ्य क्षेत्र और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने, देश भर में तेजी से डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार की जरूरत है।

साथ ही जीएसटी दरों को तार्किक बनाए जाने की मांग लंबे समय से लंबित है। यथार्थ ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के यथार्थ त्यागी ने कहा कि इस समय स्वास्थ्य क्षेत्र जीएसटी के ढांचे की विसंगतियों से जूझ रहा है। उन्होंने कहा, ‘प्राथमिक और तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल पर 12 प्रतिशत कर लगता है। वहीं महत्त्वपूर्ण उपकरणों पर 18 प्रतिशत या 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है।’ उन्होंने कहा कि इससे पूंजी की लागत बढ़ती है और अस्पतालों को चलाने में दिक्कत आती है।

पुणे के जहांगीर हॉस्पिटल के सीईओ विनोद सावंतवाडकर ने कहा कि जीएसटी दरों को तार्किक बनाए जाने से सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी और इससे स्वास्थ्य व्यवस्था व मरीजों, दोनों को ही लाभ होगा। डायग्नोस्टिक कंपनियां चाहती हैं कि सरकार स्वास्थ्य उत्पादों पर आयात शुल्क को तार्किक बनाए। मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर की प्रवर्तक और एमडी अमीरा शाह ने कहा कि यह इसलिए जरूरी है, क्योंकि भारत का डायग्नोस्टिक सेग्मेंट 60 प्रतिशत आयात पर निर्भर है।

क्षेत्रीय स्वास्थ्य व्यवस्था में अंतर को जोड़ने की जरूरत पर जोर देते हुए रघुवंशी ने कहा कि बजट का मुख्य ध्यान हेल्थकेयर वैल्यू चेन के स्थानीयकरण और स्थानीय क्षमता विकसित करने पर होना चाहिए, जिससे दूरस्थ इलाकों में भी स्वास्थ्य सेवाएं दी जा सकें।

शाह ने सुझाव दिया कि सस्ते ब्याज पर धन मुहैया कराने से निजी क्षेत्र अपने डायग्नोस्टिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को उन्नत बना सकता है। उन्होंने कहा, ‘इन पहल से न सिर्फ पहुंच और सस्ती सुविधाएं मिल सकेगी, बल्कि शानदार स्वास्थ्य देखभाल के मामले में बुनियादी वातावरण तैयार हो सकेगा जिससे भविष्य की और मौजूदा चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटा जा सकेगा।’

अस्पतालों ने नीतियों की निरंतरता की भी उम्मीद जताई। मणिपाल हॉस्पिटल्स में एमडी और सीईओ दिलीप जोसे ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को एक पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में माना जाना चाहिए।

First Published : January 14, 2024 | 9:38 PM IST