प्रतीकात्मक तस्वीर
वित्तीय सेवा क्षेत्र की अमेरिकी दिग्गज अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट मुंबई इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (मायल) में बॉन्ड के जरिये 75 करोड़ रुपये निवेश करने के लिए बातचीत कर रही है। मामले से अवगत लोगों ने यह जानकारी दी है। यह निवेश अपोलो की बीमा इकाई के जरिये होने की संभावना है, जो भारत में उच्च गुणवत्ता वाली बुनियादी ढांचा परिसंपत्तियों में निवेश करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
ऋण जुटाने की कवायद अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड (एएएचएल) की बड़े पैमाने पर रकम जुटाने का हिस्सा है, जो भारत के सात हवाई अड्डों का परिचालन कर रही है। सूत्रों ने बताया कि एक अन्य लेनदेन में अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स अंतरराष्ट्रीय बैंकों के 75 करोड़ डॉलर का ऋण जुटाना चाह रही है।
मायल की बॉन्ड जारी करने की प्रक्रिया अगले कुछ हफ्तों में पूरा होने की उम्मीद है और उसमें अपोलो जैसे कई अमेरिकी वित्तीय संस्थाओं ने दिलचस्पी दिखाई है, जो भारतीय बुनियादी ढांचा को ऋण देने के लिए निवेशकों की रुचि दर्शाती है। हालांकि, अपोलो ने इस मसले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है और अदाणी समूह ने इस बारे में भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं दिया।
अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स की ऋण सुविधा के जरिये जुटाई गई रकम पूंजीगत व्यय और सितंबर में परिपक्व होने वाले डॉलर आधारित ऋण को चुकाने में उपयोग की जाएगी। अप्रैल में वैश्विक ऋणदाताओं के एक समूह ने आईटीडी सीमेंटेशन के अधिग्रहण के लिए अदाणी समूह के एक फैमिली निवेश साधन को 75 करोड़ डॉलर का ऋण दिया था। बैंकरों ने बताया कि ब्लैकरॉक ने आईटीडी सीमेंटेशन के लिए 25 करोड़ डॉलर का ऋण दिया था। प्रक्रिया में शामिल एक बैंकर ने कहा, ‘चुनौतियों के बावजूद समूह प्रमुख अमेरिकी निवेशकों को आकर्षित कर रहा है। मजबूत रेटिंग और अनुमानित नकदी प्रवाह ने दीर्घकालिक पूंजी लाने में मदद की है।’
अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स के पोर्टफोलियो में मुंबई, अहमदाबाद, मंगलूरु, जयपुर, लखनऊ, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डा शामिल है। नवी मुंबई में उसकी नई परियोजना अगली तिमाही तक परिचालन शुरू करने वाली है। नवी मुंबई हवाई अड्डा के पूरी तरह शुरू हो जाने और राजस्व का पता चलने के बाद कंपनी अगले 2 से 3 वर्षों में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम पेश करने की संभावना तलाश रही है।
इसकी मूल कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2025-2027 के दौरान ऊर्जा, परिवहन और बुनियादी ढांचे पर कुल 1.32 लाख करोड़ रुपये (15.8 अरब डॉलर) का पूंजीगत व्यय किया है। इनमें नवीकरणीय ऊर्जा के लिए 47,000 करोड़ रुपये, हवाई अड्डे के लिए 44,000 करोड़ रुपये, सड़क के लिए 19,000 करोड़ रुपये और नई पीवीसी परियोजनाओं के लिए 16,000 करोड़ रुपये शामिल हैं।
कुल मिलाकर समूह की 12 सूचीबद्ध संस्थाएं साल 2030 तक बंदरगाहों, सड़कों, हवाई अड्डों और सीमेंट विस्तार सहित कई व्यवसायों में 100 अरब डॉलर का भारी-भरकम निवेश करने की योजना बना रही हैं। समूह का ध्यान व्यवसायों में नई इकाइयां स्थापित करने और सही मूल्यांकन होने पर ही विलय और अधिग्रहण के अवसरों की तलाश करने पर है। इसके अलावा समूह ने बीते वित्त वर्ष 2025 में उपभोक्ता फर्म अदाणी विल्मर में अपने निवेश से बाहर निकलकर 3,946 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था।
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