अर्थव्यवस्था

वायु सेना 3 लाख करोड़ के हथियार खरीदेगी

HAL के साथ 40 तेजस मार्क1 और 83 तेजस मार्क आईए लड़ाकू विमान खरीदने के लिए अनुबंध पर लगी मुहर

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अजय शुक्ला   
Last Updated- October 03, 2023 | 11:07 PM IST

भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने मंगलवार को कहा कि देश की वायु सेना अगले सात-आठ वर्षों में 2.5-3 लाख करोड़ रुपये की लागत से नए सैन्य उपकरण खरीदने पर विचार कर रही है।

वायु सेना दिवस की पूर्व संध्या पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए चौधरी ने कहा कि वायु सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी), खासतौर पर पूर्वी लद्दाख में हालात पर लगातार नजर रख रही है।

उन्होंने कहा, ‘एलसीएच (हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर), एलसीए (हल्के लड़ाकू विमान) मार्क 1ए, एचपीआर (शक्तिशाली रडार), और सीआईडब्ल्यूएस (नजदीक से हमला करने वाले हथियार की प्रणाली) खरीद का अनुबंध करार आखिरी चरण में है और इसकी लागत करीब 1.72 लाख करोड़ रुपये है।’

चौधरी ने कहा, ‘इस साल सालाना नकदी खर्च करीब 41,180 करोड़ रुपये का है। इस वित्त वर्ष के अनुबंध करार की बात करें तो केवल घरेलू स्तर की खरीद पर ही लगभग 16,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे।’

उन्होंने कहा कि वायु सेना ने 97 तेजस मार्क 1ए हल्के लड़ाकू विमान खरीदने की योजना बनाई है और इसके अलावा इसने हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ 40 तेजस मार्क1 और 83 तेजस मार्क आईए लड़ाकू विमानों की खरीद पर मुहर लगाई है।

एक सवाल के जवाब में एयर चीफ मार्शल ने जानकारी दी कि भारतीय वायु सेना ने रूस से जमीन से हवा में निशाना साधने वाली तीन मिसाइल एस-400 मंगा ली है और अगले साल तक ऐसी दो और मिसाइलें मिल जाएंगी।

वायु सेना प्रमुख ने कहा कि भू-राजनीतिक स्थिति (भारत के पड़ोस में) में काफी अनिश्चतता है ऐसे में एक मजबूत सेना की आवश्यकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि परिस्थितियों के हिसाब से ही भारतीय वायु सेना क्षेत्र में सैन्य ताकत दिखाएगी।

उन्होंने कहा, ‘भारतीय वायु सेना, स्वदेशी विमान परियोजनाओं का तेजी से विकास और संचालन, लगातार निगरानी की क्षमता, सेंसर और शूट के समय में कमी करना, लंबी दूरी के सटीक हमले और कई डोमेन वाली क्षमता के विकास पर जोर दे रही है।’

उन्होंने कहा कि पिछले महीने भारतीय वायु सेना की 11 स्क्वाड्रन में पहले सी-295 मध्यम स्तर के परिवहन विमान को शामिल किया गया जो भारत के रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव है।

उन्होंने कहा कि पूरी परियोजना के तहत स्पेन में 16 सी-295 विमान और भारत में 40 विमान बनाये जाने हैं। इससे करीब 42.5 लाख मानव श्रम के घंटे की गुंजाइश बनेगी और प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष तरीके से करीब 6,000 रोजगार और कौशल रोजगार के अवसर तैयार होंगे। सात राज्यों में फैले लगभग 125 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, 13,400 से अधिक पार्ट्स, 4,600 सब-असेंबली और सात प्रमुख कंपोनेंट असेंबली निर्माण शामिल होगा।

वायु सेना प्रमुख ने कहा कि भविष्य के लिए तैयार रहने के मकसद से सशस्त्र बलों का अनुसंधान एवं विकास (आरऐंडडी) जरूरी है। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए नवाचार (आईडीईएक्स) और मेक प्रोग्राम ने रक्षा क्षेत्र से जुड़े आरऐंडडी के लिए ‘मेक इन इंडिया’ पहल को रफ्तार दी है।

चौधरी ने कहा कि वायु सेना ने आईडीईएक्स प्रोग्राम के तहत यूएएस (मानव रहित हवाई प्रणाली) रोधी समझौते पर हस्ताक्षर कर स्वदेशीकरण की पहल की है। उन्होंने कहा, ‘हम इस रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं और हाल ही में स्वार्म अनमैन्ड म्युनिशन सिस्टम्स का अनुबंध किया गया है जो भारतीय वायु सेना द्वारा शुरू की गई बेहद सफल मेहर बाबा स्वार्म ड्रोन प्रतियोगिता का परिणाम है।’

उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय वायु सेना ने लघु अवधि के लिए एयरमैन की भर्ती वाली अग्निपथ योजना के सफल क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

First Published : October 3, 2023 | 11:07 PM IST