अर्थव्यवस्था

अमेरिका के बाद यूरोप में खुले भारत के सी-फूड एक्सपोर्ट के नए रास्ते

Seafood Export: यूरोपीय संघ ने भारत के 102 सी-फूड प्रतिष्ठानों को तय गुणवत्ता मानकों को लेकर हरी झंडी दे दी है।

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श्रेया नंदी   
Last Updated- September 10, 2025 | 7:26 AM IST

अमेरिका में 50 प्रतिशत के भारी शुल्क से प्रभावित होने के बाद भारत के सी-फूड के निर्यात के लिए यूरोपीय संघ (ईयू) का बाजार मिल सकता है। यूरोपीय संघ ने भारत के 102 सी-फूड प्रतिष्ठानों को तय गुणवत्ता मानकों को लेकर हरी झंडी दे दी है।

वाणिज्य विभाग ने मंगलवार को कहा, ‘यूरोपीय संघ ने भारत से ईयू के सदस्य देशों को निर्यात के लिए 102 नए भारतीय मत्स्य प्रतिष्ठानों को सूचीबद्ध किया है।  यह एक महत्त्वपूर्ण विस्तार है। यह भारत की खाद्य पदार्थों की सुरक्षा व गुणवत्ता प्रणालियों के प्रति बढ़ते विश्वास को दिखाता है। यह भारतीय सी-फूड उत्पादों, विशेष रूप से एक्वाकल्चर झींगे और सेफलोपोड्स (स्क्विड, कटलफिश और ऑक्टोपस) के लिए बाजार पहुंच बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। ’

इसके साथ यूरोपीय संघ ने भारत की कुल 604 इकाइयों को सूचीबद्ध कर दिया है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि इस कदम से यूरोपीय संघ को सी-फूड निर्यात को बढ़ावा मिलेगा, जिसे विश्व स्तर पर ‘सबसे आकर्षक और गुणवत्ता के प्रति संवेदनशील बाजारों’ में से एक माना जाता है।

नए प्रतिष्ठानों को सूची में शामिल किए जाने से निर्यातकों को विभिन्न तटवर्ती राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से यूरोप की मांग को पूरा करने, अपने उत्पाद की पेशकश में विविधता लाने और व्यापार संबंध बढ़ाने के अवसर मिलेंगे। इससे इस तरह की वस्तुओं के निर्यात में 20 प्रतिशत तक बढ़ोतरी होगी।  वित्त वर्ष 2024 में भारत ने 1.1 अरब डॉलर के सी-फूड का निर्यात यूरोपीय संघ को किया था।

भारत के सी-फूड के निर्यात का सबसे बड़ा बाजार अमेरिका है, उसके बाद यूरोपीय संघ का स्थान आता है। चीन, जापान, वियतनाम और थाईलैंड भी भारत के सी-फूड निर्यात के प्रमुख केंद्र हैं।  उपरोक्त उल्लिखित अधिकारी ने कहा कि यूरोपीय संघ में इन इकाइयों को सूचीबद्ध किए जाने की मांग लंबे समय से लंबित थी। अधिकारी ने कहा, ‘हमारे निर्यात को बढ़ावा देने की दिशा में सूचीबद्धता एक प्रमुख प्रगति है।’

First Published : September 10, 2025 | 7:26 AM IST