भारत में 6,33,000 नए मध्यम वर्गीय परिवार: हुरुन इंडिया

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 6:58 AM IST

मंगलवार को जारी हुरुन इंडिया वेल्थ रिपोर्ट 2020 में बताया गया कि भारत में 20 लाख रुपये की सालाना बचत वाला एक नया मध्यम वर्गीय समूह विकसित हुआ है। इन परिवारों में अधिकांश निवेश आवासीय संपत्ति और वाहन क्षेत्र जैसी भौतिक संपत्ति में किया गया है। भारत में ऐसे परिवारों की कुल संख्या 6,33,000 है।
हुरुन के अनुसार, भारत में न्यूनतम 7 करोड़ रुपये की परिसंपत्ति के साथ 4,12,000 करोड़पति परिवार हैं। हुरुन की सूची में 1,000 करोड़ रुपये की संपत्ति वाले भी शामिल हैं और भारत में ऐसे परिवारों की संख्या 3,000 आंकी गई है।
इसके विपरीत, भारतीय मध्यम वर्गीय समूह की सालाना आय 2.5 लाख रुपये से अधिक है और इनकी कुल संपत्ति 7 करोड़ रुपये से कम है। हुरुन इंडिया वेल्थ रिपोर्ट 2020 के निष्कर्षों से पता चलता है कि भारत में लगभग 5,64,000 परिवार इस श्रेणी में आते हैं।
रिपोर्ट में भारतीय अमीर परिवारों को दो व्यापक खंडों को वर्गीकृत किया गया है। निचले वर्ग में ऐसे परिवार शामिल हैं, जो मुख्यत: नौकरीपेशा हैं और सावधि जमा, अचल संपत्ति एवं इक्विटी निवेश उनकी आय का प्राथमिक स्रोत है। उच्च वर्ग के पास आय के स्रोत के रूप में परिसंपत्ति, रियल एस्टेट संपत्ति, कारोबार से आय और विभिन्न इक्विटी निवेश पोर्टफोलियो आदि विरासत में हैं।
उदाहरण के लिए, एक कारोबारी उद्यमी अरबपति, इंटरनैशनल अल्ट्रा-हाईनेटवर्थ इंडिविजुअल (यूएचएनआई), यूएचएनआई या एक समृद्ध व्यक्ति, अपनी व्यापार गतिविधियों के लिए अपने धन का एक बड़ा हिस्सा आवंटित करते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उनके निवेश योग्य धन के दूसरे प्रमुख उपभोक्ताओं में नकद भंडार, इक्विटी स्टॉक तथा प्राथमिक निवास शामिल हैं। इसी प्रकार ‘स्टॉक मार्केट किंग्स’ शेयर बाजारों में सक्रिय रूप से निवेश करते हैं क्योंकि यह उनके राजस्व का प्राथमिक स्रोत है। रिपोर्ट के अनुसार, उनकी लगभग दो-तिहाई संपत्ति शेयर बाजार में निवेश के लिए समर्पित होती  है। इन निवेशों के पैमाने को देखते हुए, इस श्रेणी में ऊपरी स्तर के परिवार, यानी अंतरराष्ट्रीय बहु-करोड़पति और इससे ऊपर के परिवार, अपने निवेश विभागों की देखभाल के लिए धन प्रबंधन फर्मों को किराये पर लेते हैं। ऐसे परिवार जो पांच साल से प्रतिवर्ष कम से कम आठ अंकीय वेतन कमा रहे हैं, उनमें से अधिकांश परिवार किसी घर में निवेश करना पसंद करते हैं और इसके बाद नगदी/शेयरों का नंबर आता है।
अगर क्षेत्र-वार देखें, तो शीर्ष 10 राज्य से देश के 70.3 प्रतिशत करोड़पति परिवार आते हैं। महाराष्ट्र में सबसे अधिक करोड़पति (56,000) परिवार हैं, जिसके बाद उत्तर प्रदेश (36,000), तमिलनाडु (35,000), कर्नाटक (33,000) और गुजरात (29,000) का स्थान है। अगर शहर-वार देखें, तो मुंबई में सबसे अधिक करोड़पति (16,933) परिवार हैं, उसके बाद दिल्ली (16,000), कोलकाता (10,000), बेंगलुरु (7,582) और चेन्नई (4,685)का स्थान है।

First Published : March 16, 2021 | 11:12 PM IST