रिकॉर्ड बिजली की मांग को पूरा करने के लिए कोयले की आपूर्ति में वृद्धि के कारण अगस्त में रेलवे को माल ढुलाई से 12,926 करोड़ रुपये की आय हुई है। पिछले महीने राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर ने 1.19 करोड़ टन माल और कच्चा सामान की ढुलाई की, जिससे सालाना 7.9 फीसदी की वृद्धि, यहां तक बाढ़ और भारी बारिश के कारण कोयला उत्पादन राज्यों और रेलवे के बुनियादी ढांचा तक को नुकसान झेलना पड़ा।
इस वित्त वर्ष में माल ढुलाई से भारतीय रेल ने 66,658 करोड़ रुपये की कमाई की है। एक अधिकारी के मुताबिक, पिछले साल की तुलना में इस साल अगस्त में रेलवे की माल ढुलाई में 8 फीसदी की वृद्धि हुई और इससे राजस्व भी 18.9 फीसदी बढ़ा। अगस्त में कोयला की लदान में 20 फीसदी की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई क्योंकि इस महीने रेलवे 5.8 करोड़ टन कोयले की ढुलाई की, जो पिछले वर्ष 4.8 करोड़ टन से बढ़ गई।
अकेले लंबी दूरी के परिवहन ने अगस्त के दौरान कोयला माल ढुलाई में 42 फीसदी राजस्व की मदद की और इस वित्त वर्ष में अबतक करीब 39 फीसदी की वृद्धि की। सूत्रों ने बताया कि आयातित और तटीय रूप से भेजे गए कोयले ने भी माल ढुलाई राजस्व में योगदान दिया। पिछले वर्ष की तुलना में माल ढुलाई में वृद्धि हुई है, लेकिन इस वित्त वर्ष के लिए रेलवे के तय लक्ष्य 170 करोड़ टन से यह पीछे है। एक अधिकारी ने बताया, ‘लक्ष्य हासिल करने के लिए आगामी महीनों में 15 करोड़ टन लक्ष्य हासिल करने की जरूरत है।’ रेलवे की दूसरी बड़ी वस्तु लौह-अयस्क जो लगातार नीचे जा रही है, परिवहन 7 फीसदी गिरावट के साथ 1.24 करोड़ टन रहा।
