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Cricket economy: भारत में क्रिकेट को ₹1,000 करोड़ का झटका, नए गेमिंग कानून से घरेलू लीगों पर संकट

नए गेमिंग बिल ने क्रिकेट की कमाई पर बड़ा असर डाला है। बीसीसीआई, आईपीएल और घरेलू लीगों को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।

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अनीश कुमार   
Last Updated- August 27, 2025 | 2:56 PM IST

भारत में रियल-मनी फैंटेसी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर लगे बैन का असर अब सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के क्रिकेट पर दिखने लगा है। ड्रीम11 ने भारतीय टीम की स्पॉन्सरशिप से हाथ खींच लिया है। इसके बाद घरेलू लीग, आईपीएल फ्रेंचाइजी, टीवी चैनल और यहां तक कि यूरोपियन क्रिकेट तक इस फैसले के झटके महसूस कर रहे हैं।

बीसीसीआई और छोटी लीग पर संकट

बीसीसीआई अब नए स्पॉन्सर के लिए टेंडर लाने की तैयारी कर रहा है। लेकिन तमिलनाडु, कर्नाटक, मुंबई और दिल्ली की छोटी T20 लीग पर बड़ा संकट खड़ा हो गया है। ये टूर्नामेंट ज्यादातर फैंटेसी प्लेटफॉर्म्स और ऑफशोर बेटिंग साइट्स के पैसों पर निर्भर थे, और अब उनके पास सबसे बड़े सपोर्टर्स नहीं बचे।

क्यों है ये बड़ा मामला

कई सालों से Dream11, MPL और My11Circle जैसी कंपनियां भारतीय क्रिकेट से गहराई से जुड़ी रही हैं। IPL टीमों, घरेलू लीगों और स्टार खिलाड़ियों के साथ इनके करोड़ों रुपये के करार थे। साल 2023 में भारत का ऑनलाइन गेमिंग मार्केट 33,000 करोड़ रुपये का था और 2028 तक इसके 66,000 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया था। अब BCCI और IPL फ्रेंचाइजियों को ही करीब 1,000 करोड़ रुपये तक का नुकसान होने की आशंका है। Dream11 ने अकेले 2023 में 3,380 करोड़ रुपये की कमाई की और लगभग 3,000 करोड़ रुपये विज्ञापन पर खर्च किए। यही वजह थी कि बड़े क्रिकेटर जैसे महेंद्र सिंह धोनी, रोहित शर्मा, शुभमन गिल और मोहम्मद सिराज इन कंपनियों के ब्रांड एंबेसडर बने। हालांकि अब विज्ञापन एजेंसियों का कहना है कि टीवी पर स्लॉट तो भर जाएंगे, लेकिन पहले जितने ऊंचे प्रीमियम रेट पर नहीं।

विज्ञापन विशेषज्ञ प्रहलाद कक्कड़ का कहना है कि फैंटेसी गेमिंग कंपनियों के पास इतना पैसा था कि उन्होंने बड़े-बड़े नामों पर बेहिसाब खर्च किया। उनके मुताबिक, ये एक तरह से मुर्गी और अंडे वाली स्थिति थी। क्या आप बाजार के अपने-आप बढ़ने का इंतज़ार करते या फिर पहले ही पैसा लगाकर उसे बढ़ाते? कक्कड़ कहते हैं, असल वजह यही थी कि जबरदस्त विज्ञापनबाज़ी की गई और इसी ने इन प्लेटफॉर्म्स को तेजी से लोकप्रिय बना दिया।

यूरोप में भी झटका

इस बैन का असर यूरोप तक पहुंचा है। यूरोपियन क्रिकेट नेटवर्क ने 25 अगस्त से अपना टूर रोक दिया, क्योंकि Dream11 ने स्पॉन्सरशिप वापस ले ली। नेटवर्क के फाउंडर डैन वेस्टन ने कहा कि ये ऐसे समय में बड़ा झटका है जब यूरोप में क्रिकेट तेजी से बढ़ रहा था।

वेस्टन ने बीबीसी से कहा, “फैंटेसी स्पोर्ट्स ने यूरोप में जमीनी स्तर पर क्रिकेट को बड़ी मदद दी थी। लेकिन इस बैन के बाद लगता है सारी प्रगति रुक गई है।”

बड़ी तस्वीर

ये पूरा मामला दिखाता है कि क्रिकेट कितनी हद तक फैंटेसी गेमिंग कंपनियों पर निर्भर हो गया था। BCCI शायद आसानी से नया स्पॉन्सर ढूंढ ले, लेकिन राज्य स्तरीय लीग, प्रसारक और यूरोपियन क्रिकेट को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।

खिलाड़ियों के लिए इसका मतलब है कम विज्ञापन और कमाई, और लीगों के लिए। सिर्फ टिके रह पाने की जंग। जो कदम शुरू हुआ था जुए जैसे प्लेटफॉर्म को रोकने के लिए, उसने अब क्रिकेट की कमाई का नक्शा ही बदल दिया है।

First Published : August 27, 2025 | 2:56 PM IST