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विप्रो ने नकद 37.5 करोड़ डॉलर में खरीदा हर्मन का ‘डीटीएस’

इस सौदे से विप्रो को डोमेन-आधारित डिजाइन, कनेक्टेड उत्पादों और सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म में अपनी क्षमताएं मजबूत करने में मदद मिलेगी।

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अविक दास   
Last Updated- August 21, 2025 | 10:10 PM IST

इंजीनियरिंग अनुसंधान एवं विकास (ईआरऐंडडी) सेवाओं में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए विप्रो ऑडियो उत्पाद बनाने वाली हर्मन का डिजिटल परिवर्तन समाधान (डीटीएस) कारोबार नकद 37.5 करोड़ डॉलर में खरीद रही है। यह सौदा इस साल के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है और इसके लिए अमेरिका के प्रतिस्पर्धा नियामक की मंजूरी की आवश्यकता होगी। इस सौदे के परिणामस्वरूप अमेरिका, यूरोप और एशिया के प्रमुख नेतृत्व सहित डीटीएस के 5,600 से अधिक कर्मचारी विप्रो का हिस्सा बन जाएंगे।

इस सौदे से विप्रो को डोमेन-आधारित डिजाइन, कनेक्टेड उत्पादों और सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म में अपनी क्षमताएं मजबूत करने में मदद मिलेगी। गहन इंजीनियरिंग और एआई वाले प्लेटफॉर्म, डोमेन विशेषज्ञता, स्वामित्व अधिकार में तेजी और स्वायत्त एजेंट के ढांचे से बेंगलूरु की इस कंपनी को अधिक मार्जिन वाले कारोबार में विस्तार करने में मदद मिलेगी। अमेरिका की हर्मन, सैमसंग की इकाई है, जिसे दक्षिण कोरियाई समूह ने साल 2018 में खरीदा था।

विप्रो के मुख्य कार्य अधिकारी और प्रबंध निदेशक श्रीनि पालिया ने कहा, ‘डीटीएस की विशेषीकृत इंजीनियरिंग विशेषज्ञता और विप्रो की परामर्श-केंद्रित एआई-संचालित क्षमताओं का संयोजन हमारे ग्राहकों के लिए मूल्यवर्धन को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाएगा। अधिक वृद्धि वाले क्षेत्रों और रणनीतिक बाजारों में डीटीएस की दमदार मौजूदगी हमारी वैश्विक उपस्थिति की सहायक है और यह विश्वसनीय परिवर्तनकारी साझेदार के रूप में हमारी स्थिति को मजबूत करती है।’

नैसकॉम के आंकड़ों के अनुसार भारतीय आईटी उद्योग में इंजीनियरिंग अनुसंधान एवं विकास सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र है। अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025-26 में यह क्षेत्र 55 अरब डॉलर के राजस्व के साथ 7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा। इसकी तुलना में आईटी सेवा उद्योग के केवल 4.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। बीएफएसआई, स्वास्थ्य सेवा और खुदरा क्षेत्र में हुए बड़े सौदों में से दो-तिहाई का योगदान डिजिटल इंजीनियरिंग का रहा।

हर्मन का डीटीएस औद्योगिक, उपभोक्ता, आधुनिक तकनीक और स्वास्थ्य सेवा एवं जीवन विज्ञान क्षेत्रों को ईआरएंडडी सेवाओं और आईटी सेवाओं की वैश्विक प्रदाता है। इसकी भारत, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन, पोलैंड और जर्मनी जैसे 14 देशों में मौजूदगी है।

First Published : August 21, 2025 | 10:04 PM IST