नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने आज विमानन कंपनी विस्तारा के प्रशिक्षण प्रमुख विक्रम मोहन दयाल को हटा दिया। पायलटों को नैरोबॉडी ए320 विमान से वाइडबॉडी बी787 विमान के लिए कन्वर्जन प्रशिक्षण प्रदान करते समय नियमों के उल्लंघन के मामले में यह कार्रवाई की गई है।
सूत्रों के अनुसार नियामक ने विमानन कंपनी को दयाल के स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति को नियुक्त करने के लिए कहा है। दयाल मई 2020 से इस पद पर हैं। कन्वर्जन प्रशिक्षण वह होता है जब पायलट किसी एक तरह के विमान उड़ान का प्रशिक्षण लेने के बाद दूसरे प्रकार के विमान उड़ाने के लिए अतिरिक्त प्रशिक्षण से गुजरते हैं।
सूत्रों ने कहा कि यह मसला तब उठा जब ए320 श्रेणी के विमानों पर प्रशिक्षित विस्तारा के 12 पायलट बी787 विमानों के लिए कन्वर्जन प्रशिक्षण ले रहे थे। डीजीसीए के नियमों के अनुसार इस प्रशिक्षण में कई चरण शामिल होते हैं। पहले चरण में पायलट किसी सिम्युलेटर पर प्रशिक्षण लेते हैं। इसके बाद दूसरे चरण में कौशल परीक्षण होता है।
तीसरे चरण में नए पायलटों को असली बी787 विमान उड़ाना और उतारना होता है जबकि 500 से अधिक घंटों तक विमान उड़ान का अनुभव रखने वाले पायलट यह कवायद किसी सिम्युलेटर पर कर सकते हैं। यह तीसरा चरण, जिसे जीरो फ्लाइट टाइम प्रशिक्षण के रूप में जाना जाता है, दूसरे चरण के बाद 45 दिनों के भीतर पूरा करना होता है।
हालांकि डीजीसीए ने पाया कि विस्तारा के इन 12 पायलटों ने निर्धारित समयसीमा के भीतर तीसरा चरण पूरा नहीं किया। सूत्रों ने बताया कि उन्हें चौथे चरण के लिए रखा गया था, जिसे सुपरवाइज्ड लाइन फ्लाइंग के रूप में जाना जाता है। इसमें निगरानी के तहत यात्रियों से भरे विमान को उड़ाना शामिल होता है।
सूत्रों ने बताया कि शुरू में दयाल को इस कथित नियम उल्लंघन के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। हालांकि उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने पर नियामक ने उन्हें पद से हटाने का फैसला किया। विमानन कंपनी को शीघ्र नए प्रशिक्षण प्रमुख की नियुक्ति के लिए कहा गया है।