वेदांत के निदेशक मंडल ने मंगलवार को गैर-परिवर्तनीय ऋणपत्रों (एनसीडी) के निजी नियोजन के जरिये 2,500 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी दे दी। कंपनी ने एक्सचेंजों को यह जानकारी दी है। यह रकम सुरक्षित, बिना रेटिंग, असूचीबद्ध, भुनाए जाने योग्य एनसीडी के जरिये एक या एक से अधिक चरणों में जुटाई जाएगी।
कंपनी ने यह जानकारी दी। पहले की सूचना में कंपनी ने कहा था कि रकम जुटाने की कवायद पुराने के बदले नया कर्ज जुटाना कंपनी के सामान्य कामकाज का हिस्सा है। जून 2023 में कंपनी का एकीकृत कर्ज 73,500 करोड़ रुपये और शुद्ध कर्ज 59,200 करोड़ रुपये था। मौजूदा वित्त वर्ष में कंपनी को लंबी अवधि की परिपक्वता वाले 11,000 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान करना है। विश्लेषकों के साथ हालिया बातचीत में ये बातें कही गई थी।
पुराने के बदले नया कर्ज लेने की कंपनी की योजना उम्मीद के मुताबिक है, जैसा कि पहले रेटिंग एजेंसियों ने वेदांत के कर्ज की ग्रेडिंग के समय पाया था। मार्च में क्रिलि ने उसका परिदृश्य स्थिर से नकारात्मक कर दिया था, जिसकी वजह उम्मीद से ज्यादा वित्तीय लिवरेज व वित्तीय लचीलापन कम रहना था।
क्रिसिल ने यह कहा, वह उम्मीद करती है कि वेदांत वित्त वर्ष 23 व वित्त वर्ष 24 में अपने पुराने कर्ज के बड़े हिस्से के लिए नए कर्ज पर विचार करेगी, जो उसके मजबूत बैंकिंग संबंध व पुराने के बदले नए कर्ज लेने के ट्रैक रिकॉर्ड पर आधारित है।
उसी महीने इंडिया रेटिंग्स ने कंपनी को लेकर अपना परिदृश्य यह कहते हुए नकारात्मक कर दिया था कि यह संशोधन बढ़ी लागत पर पुराने के बदले नए कर्ज को लेकर ज्यादा जोखिम को प्रतिबिंबित करता है क्योंकि वित्त वर्ष 24 व वित्त वर्ष 25 में वेदांत व प्रवर्तक कंपनी वेदांत रिसोर्सेस कर्ज भुगतान की समयसीमा है।
रेटिंग विश्लेषक इस बात से सहमत हैं कि भारत में सूचीबद्ध कंपनी के पास पर्याप्त नकदी है, लेकिन यही चीजें मूल कंपनी पर पूरी तरह से फिट नहीं बैठती, यानी वहां नकदी में कमी है।