टैक्सी एग्रीगेटर कंपनी उबर (Uber) भारत में खामोशी से इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) का अपना काफिला बढ़ाती जा रही है। कंपनी का अनुमान है कि अगले तीन साल में अपना काफिला बढ़ाने और पुराने वाहनों की जगह चलाने के लिए उसे 1.5 लाख से 2 लाख नए EV की जरूरत पड़ेगी।
लेकिन इस बार उबर नया पैमाना लेकर चल रही है। 2025 तक कंपनी 12 से 16 फीसदी यानी 25,000 से 30,000 नई कारें इलेक्ट्रिक ही जोड़ेगी। दोपहिया वाहनों में भी यही मॉडल रहेगा, जिसके लिए वह डी2सी स्टार्टअप जिप के साथ करार कर चुकी है। तिपहिया वाहन में उसे बजाज ऑटो का सहारा है। दोपहिया और तिपहिया में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या ज्यादा होगी।
फिलहाल इलेक्ट्रिक कारों पर ही बड़ा दांव है। हालांकि अभी इनका शुरुआती दौर है और पिछले साल सिर्फ 40,000 के करीब इलेक्ट्रिक कार बिकीं। फेम 2 लागू होने और सब्सिडी मिलने के बाद भी इलेक्ट्रिक कार महंगी हैं और 10 लाख रुपये से कम की कोई कार नहीं होने के कारण बिक्री नहीं बढ़ रही। अगले साल फेम 2 बंद हो गई तो ये कार 1-2 लाख रुपये और महंगी हो जाएंगी।
चार्जिंग स्टेशनों की कमी भी बड़ी समस्या है। इसलिए सीएनजी कार वाले ड्राइवर जोड़ने के मुकाबले इलेक्ट्रिक कार वाले ड्राइवर साथ लाना बड़ा मुश्किल हो रहा है। सीएनजी गाड़ी के लिए बैंक से कर्ज भी आसानी से मिल जाता है।
125 से ज्यादा शहरों में काम कर रही उबर के भारत और दक्षिण एशिया प्रेसिडेंट प्रभजीत सिंह कहते हैं, ‘सारा खेल साझेदारी का है। ईवी की पूरी व्यवस्था शुरुआती चरण में है, इसलिए अकेले पूरी कवायद करने के बजाय कई साझेदारों को साथ अपना-अपना जिम्मा संभालना होगा। मार्केटप्लेस देने के साथ उबर सारे साझेदारों को एक साथ लाएगी और ड्राइवर पार्टनर को आसानी से पैसे कमाने के मौके देगी।’
उबर ने इस साल फरवरी में टाटा मोटर्स के साथ करार किया था, जिसके तहत अगले तीन साल में वह कंपनी से 25,000 इलेक्ट्रिक कार खरीदेगी। उससे पहले उबर को वाणिज्यिक उपयोग के लिए भरपूर दूरी तक जाने वाली कार नहीं मिल रही थी। टैक्सी के लिए कार को एक चार्ज में कम से कम 120 किलोमीटर चलना हो चाहिए। लेकिन टाटा मोटर्स की जिपट्रॉन ने यह समस्या हल कर दी क्योंकि वह एक बार चार्ज होने पर 210 किलोमीटर जाने का दावा करती है। उबर दूसरी गाड़ियों को भी परख रही है।
अपने पास कम से कम संपत्ति रखने और जोखिम घटाने की नीति के तहत उबर ने तीन बड़ी फ्लीट कंपनियों के साथ करार किया है – बेंगलूरु की पूरी तरह इलेक्ट्रिक कार वाली लीथियम, उबर में सीएनजी गाडियां चलाने वाली एवरेस्ट और कंपनी की वैश्विक साझेदार मूव। ये कंपनियां इलेक्ट्रिक कार खरीदकर उबर के प्लेटफार्म पर चलाएंगी।
उबर ने इन कंपनियों को ज्यादा कार खरीदने पर छूट दिलाने के इंतजाम किए हैं। साथ ही यह बेहतर शर्तों पर कर्ज भी दिलाएगी। मसलन सिडबी उबर के साझेदारों को कर खरीदने के लिए काम ब्याज दर पर 1,000 करोड़ रुपये तक कर्ज देगी। सिंह ने बताया कि उबर चार्जिंग स्टेशनों के साथ भी गठजोड़ कर रही है।